बीकानेर । रानी बाजार एरिया में होटल के आगे खड़ी एक मिनी बस आग में जलकर राख हो गई। इस बस में सिलेंडर रखे हुए थे, जिसमें देर रात आग लगी। इस बस में कुछ ट्यूरिस्ट पंजाब घूमकर वापस गुजरात लौट रहे थे और रात में बीकानेर के एक होटल में आराम करने के लिए रुके थे। गनीमत रही कि आग के वक्त बस में कोई नहीं था। ऐसे में बस में सवार सभी यात्री पूरी तरह सुरक्षित है।

दरअसल, ये मिनी बस गुजरात की है। गुजरात से पंजाब में अमृतसर भ्रमण के बाद वापस गुजरात लौट रहे यात्रियों ने रात्रि विश्राम बीकानेर के रानी बाजार स्थित होटल भारत में करने का निर्णय किया। रात करीब साढ़े दस बजे बस को यहां खड़ा करके ट्यरिस्ट अपने कमरों में चले गए। ड्राइवर भी होटल में सो रहा था। इसी दौरान सुबह चार बजे ड्राइवर को किसी ने उठाया कि बस से धुआं निकल रहा है। ड्राइवर नरेंद्र ने देखा तो अंदर आग लगी हुई। इसी बस में ट्यूरिस्ट की सुविधा के लिए गैस सिलेंडर रखे हुए थे। इन सिलेंडर में भी आग लग गई। तेज धमाकों के साथ आग ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया।

राजकोट से आए थे यात्री

गुजरात के राजकोट से भरत भाई और मंजूला बेन अपने परिवार के साथ पंजाब गए थे। वहां अमृतसर में स्वर्ण मंदिर देखने के बाद वापस राजकोट जा रहे थे। बीकानेर पहुंचते-पहुंचते अंधेरा हो गया। ऐसे में रात को यहीं रुक गए। इस मिनी बस में दस से ज्यादा सवारियां है।

बड़ा हादसा टल गया

शुक्र है कि इस बस में आग देर रात लगी। अगर दिन में कहीं पर आग लगती तो सवारियों को बचाना मुश्किल हो जाता। दरअसल, आग बस के नीचे की साइड में लगी। जहां से पहले धुआ और बाद में लपटें आनी शुरू हो गई। डीजल टैंक तक आग जल्दी ही पहुंच गई और पूरी बस को चपेट में ले लिया। अंदर रखे सिलेंडर ने भी आग पकड़ ली। आग इतनी तेजी से फैली की मौके पर पहुंचे ड्राइवर को सिलेंडर निकालने के लिए वक्त ही नहीं मिला।

खड़ी रहती है अन्य बसें

जिस होटल के पास ये मिनी बस खड़ी थी, वहां एक ट्रेवल एजेंसी भी है। ऐसे में यहां अन्य बसें भी खड़ी रहती है। आग देर रात लगी, ऐसे में कोई बड़ा हादसा होने से बच गया। सिलेंडर फटने व आग की लपटों से भी बच गए, क्योंकि होटल से करीब तीस फीट दूर सामने की दीवार से सटकर ये बस खड़ी की गई थी। उस दीवार के पास कोई निर्माण कार्य नहीं था।

सामान जलकर राख

बताया जा रहा है कि सुबह वापस राजकोट निकलने के कारण कुछ यात्रियों ने अपना सामान भी वहीं बस में छोड़ दिया था। जो जलकर राख हो गया। कितना सामान था और कितना नुकसान हुआ, इसका आकलन अब तक नहीं हो पाया है।