बीकानेर : जिले के लिए खास रहा अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस, साठ हजार बेटियों को मिले सहजन फली के पौधे, ‘एक पौधा सुपोषित बेटी के नाम’ के तहत बांटे चार हजार पौधे, पढ़े खबर

बीकानेर। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर मंगलवार को जिले भर में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान 60 हजार बेटियों को सहजन फली के पौधे वितरित किए गए। मुख्य कार्यक्रम श्रीडूंगरगढ़ में आयोजित हुआ। जहां ‘एक पौधा सुपोषित बेटी के नाम’ और पारिवारिक वानिकी कार्यक्रम के तहत जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल की मौजूदगी में 4 हजार बेटियों को सहजन फली के पौधे दिए गए। इस अवसर पर जिला कलक्टर ने कहा कि गत दिनों जिले की 2 लाख 52 हजार बेटियों के हीमोग्लोबीन की जांच के दौरान लगभग 40 प्रतिशत बेटियां एनिमिक पाई गई। इन बेटियों को पोषण एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करने एवं एनीमिया मुक्त बीकानेर की संकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से ‘एक पौधा सुपोषित बेटी’ के नाम अभियान चल रहा है। इसी श्रृंखला में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर सहजन फली के पौधे वितरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सहजन फली का पौधा ‘सुपर फूड’ है। इसका जड़, तना, पत्ती, फल व फली आदि कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन एवं अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। आयरन की कमी को दूर करने के लिए यह पौधा बेहद उपयोगी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्ची अपने घर में यह पौधा जरूर लगाए। अध्यक्षता करते हुए श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा ने कहा कि प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अभियान के दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि बेटियों को पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करना बेहद जरूरी है, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। पारिवारिक वानिकी के प्रणेता डॉ. श्याम सुंदर ज्याणी ने कहा कि पर्यावरण की देखभाल की जिम्मेदारी सरकार एवं प्रशासन से पहले प्रत्येक नागरिक और परिवार की है। बिगड़ते जलवायु के दौर में इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। उन्होंने कहा की पौधों को परिवार के सदस्य के रूप में मानकर इनका ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि बेटी एवं बेटों को आगे बढ़ने के समान अधिकार दें।
महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक मेघारतन ने शक्ति एवं पुकार अभियान और एक पौधा सुपोषित बेटी के नाम कार्यक्रम की जानकारी दी। अध्यापिका वंदना ने महावारी स्वच्छता प्रबंधन के बारे में बताया। उपखंड अधिकारी दिव्या चौधरी ने आभार जताया। ज्योति प्रकाश रंगा ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस दौरान हंसोजी धाम लिखमादेसर के महंत भवरनाथ सिद्ध, जसनाथ संस्थागत वन मंडल के अध्यक्ष बहादुरमल सिद्ध, श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति की प्रधान सावित्री देवी गोदारा, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के., महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चैधरी, विकास अधिकारी रामचंद्र, महिला अधिकारिता विभाग की प्रचेता विजयलक्ष्मी जोशी, संरक्षण अधिकारी सतीश परिहार, बाल विकास परियोजना अधिकारी मंजू सोनी, सीबीईओ ओम प्रकाश, केशराराम गोदारा, कुंभाराम घिंटाला आदि मौजूद रहे। इससे पहले जिला कलक्टर सहित अन्य अतिथियों ने अवनी चौधरी, वंदना चौधरी तथा ममता को सांकेतिक रूप से सहजन फली के पौधे प्रदान किए। बालिकाओं ने ‘मंगळ गावां, मौज मनावां, रूंख लगावां रै’ राजस्थानी गीत पर नृत्य की प्रस्तुति दी।

वितरित किए साठ हजार पौधे
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बीकानेर पंचायत समिति में 8 हजार, नोखा, कोलायत व लूणकरणसर में सात-सात हजार, पांचू व खाजूवाला में पांच-पांच हजार, श्री डूंगरगढ़ में 7 हजार 500, पूगल में 6 हजार, बज्जू खालसा में 4 हजार तथा बीकानेर शहर में 3 हजार 500 पौधे वितरित किए गए। यह पौधे लूणकरणसर स्थित डाबला तालाब में देव जसनाथ जन पौधशाला में विकसित किए गए हैं।

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