बीकानेर. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मुकाम सही मायनों में पर्यावरण का मुकाम है। इसने पूरी दुनिया को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। धर्मसभा में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि हम देख रहे हैं कि स्थिति भयावह हो रही है। क्या संसद, विधायिका सभी कुश्ती दंगल बने हुए हैं। एक सोच मुकाम से निकलनी चाहिए। आज चीता लुप्त हो गया है और हमें बाहर से मंगाना पड़ा। गुरु जम्भेश्वर की बातें मानते, तो जीव-जंतु लुप्त नहीं होते। लाइफ स्टाइल बीमारी हो गई है। इससे दुनिया में कई समस्या पैदा हो गई है। इन चुनौतियों को हम देख रहे हैं। गुरु की बातों को अनदेखा करने पर परिणाम भुगत रहे हैं। गुरु जंभेश्वर महाराज के आसोज मेले में रविवार को आयोजित धर्मसभा में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने यह विचार व्यक्त किए।
जीवनदायनी दवा है गुरु जांभोजी का सिद्धांत
गुरु जम्भेश्वर के सिद्धांतों का अनुसरण करना चाहिए। गुरु जांभोजी के सिद्धांत जीवनदायनी दवा है। जन कल्याण के लिए इनका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उपराष्ट्रपति धनखड़ सुबह विशेष विमान से बीकानेर के नाल एयरफोर्स स्टेशन उतरे। यहां से हेलीकॉप्टर से पहले मुकाम और फिर देशनोक करणी माता मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। मुकाम में उपराष्ट्रपति ने सपत्नी मंदिर में गुरु जम्भेश्वर महाराज के समाधि स्थल पर धोक लगाकर देश में अमन, चैन खुशहाली की कामना की। कार्यक्रम में मुकाम पीठाधीश्वर रामानंदाचार्य महाराज, सच्चिदानंद महाराज, भगवान नाथ महाराज, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, श्रम राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई, एग्रो मार्केटिंग डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई, फलोदी विधायक पब्बा राम विश्नोई, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई, राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया सहित जनप्रतिनिधि और देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए बिश्नोई समाज के हजारों लोग मौजूद रहे।