बीकानेर, राजस्थान के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के जिले में बच्चों को टीचरों की संख्या बढ़ाने के लिए 50KM पैदल चलना पड़ा। तेज गर्मी और धूप के कारण कई बच्चों के पांव में छाले पड़ गए और खून निकलने लगा। घटना की जानकारी शिक्षा मंत्री को मिली तो शिक्षा निदेशालय ने आनन-फानन में बच्चों के इस जुलूस को रुकवाया और टीचरों की पोस्टिंग की। मामला बीकानेर के सोढवाली (लूणकरणसर) क्षेत्र का है। यहां के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बीते आठ महीने से स्टाफ की कमी है। ग्रामीण यहां शिक्षकों की मांग से लेकर तालाबंदी तक कर चुके हैं, लेकिन अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की। परेशान होकर स्कूल के करीब 50 बच्चे गांव से पैदल ही हाथों में तिरंगा लिए बीकानेर के लिए रवाना हो गए। मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे निकले बच्चे 10 घंटे तक लगातार पैदल चलते रहे। बच्चों के इस जुलूस की जानकारी प्रशासन को थी, लेकिन फिर भी कोई मौके पर नहीं पहुंचा। रात को करीब दस बजे खारा में एक मंदिर में जब बच्चे रुके तो पता चला बच्चों की कई मासूमों के पांव में चल-चलकर छाले हो गए हैं। चमड़ी निकल गई है। बच्चों की हालत देख रात को ही प्रशासन जागा। तुरंत शिक्षा निदेशक ने एक आदेश जारी किया और प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल की नियुक्ति कर दी।

बीकानेर से पहले रोका गया
बुधवार सुबह होते ही बच्चे एक बार फिर से बीकानेर की ओर बढ़े, लेकिन अधिकारियों ने इन्हें बिछवाल के पास रोक लिया था। यहां बच्चों को टीचर्स नियुक्ति के आदेश दिए गए। अब बच्चों ने कहा है कि अगर टीचर्स नहीं आए तो तालाबंदी कर दिया जाएगा। इसके बाद बच्चे बस से वापस लौट गए। जिला शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि टीचर्स नियुक्त कर दिए गए हैं। मंगलवार दोपहर तक तो अधिकारी यही मान रहे थे कि बच्चों को ग्रामीणों ने उकसाया है, वो गांव से निकल तो पड़े, लेकिन पहुंचेंगे नहीं। ब्लॉक जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर शिक्षा निदेशक तक किसी ने इस यात्रा को गंभीरता से नहीं लिया।

कल्ला तक पहुंचा मामला
खारा में बच्चों के पहुंचने के बाद शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने इसे गंभीरता से लिया। मामला शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला तक भी पहुंचा तो प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल की नियुक्ति के लिए तुरंत आदेश जारी हो गए। बताया जा रहा है कि इस स्कूल के टीचर्स लंबे अरसे से ये अधिकारी एपीओ के रूप में आराम फरमा रहे थे। दो टीचर्स का डेपुटेशन कर दिया गया है, जबकि दो अन्य टीचर्स जो यहां से लगातार डेपुटेशन चल रहे थे, उन्हें भी वापस सोढवाली रवाना कर दिया है।

अभी भी सात पोस्ट खाली
इन छह टीचर्स के बाद भी स्कूल में सात टीचर्स के पद खाली हैं। देर रात करीब दस बजे शिक्षा निदेशालय के स्टॉफ ऑफिसर अरुण शर्मा ने मीडिया को जानकारी दी कि स्कूलों के रिक्त पदों में कुछ नियुक्ति और प्रतिनियुक्ति हो गई है। छात्रा आईना शर्मा का कहना है कि हम पैदल रवाना हुए क्योंकि हमारी बात को सुना नहीं जा रहा था। अब इतना पैदल चलने के बाद हमें टीचर्स के आदेश तो मिल गए। अगर सच में टीचर नहीं पहुंचे तो हम इसी स्थान से फिर बीकानेर के लिए पैदल रवाना हो जाएंगे। सभी पद भरने पर ही स्कूल की तालाबंदी खत्म होगी।

ये है मामला
गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में वर्तमान में 500 से अधिक स्टूडेंट्स के लिए मात्र 10 का स्टाफ है। इनमें से दो शिक्षकों काे करीब तीन साल से दूसरे स्थान पर डेपुटेशन पर लगा रखा है और स्कूल में वर्तमान में 14 शिक्षकों के पद खाली हैं।