बीकानेर। अभी हाल ही में नामीबिया से लाये गए चीतों के शिकार के लिए कैद किये हिरणों को छोडऩे की मांग को लेकर बिश्नोई समाज व पर्यावरण से जुड़ी संस्थाओं से जुड़े लोगों ने विरोध दर्ज करवाते हुए जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मध्यमप्रदेश वन विभाग को पत्र लिखा। अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के शिवराज बिश्नोई ने कहा कि जैव विविधता को सामान्तर करने के लिए नामीबिया से 8 चीतों को लाकर मध्यप्रदेश के नेशनल पार्क में छोड़ा गया है, जो कि अच्छी बात है। लेकिन पता चला है कि चीतों के शिकार अभ्यास के लिए चीतल-हिरण को वहां पर एक बाड़े में कैद कर रखा है, जिसका बिश्नोई समाज भंयकर विरोध है। शिवराज ने कहा कि किसी जीव का खुले में विचरण करते वक्त शिकार हो उसका कोई विरोध नहीं है, लेकिन किसी जीवन को कैद कर, उसकी स्वतत्रंता पर कुठाराघात कर उसका शिकार करवाया जाए यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है। शिवराज ने कहा कि हमारे देश से शिकार की वजह से चीता विलुप्त हो गया था, आज इनकी संख्या कम है, कल हमारे देश को बाहरी किसी अन्य देश से चितल-हिरण लाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि सब जीवों का इको बैलेंस रखा जाए। इसलिए वहां कैद चितल-हिरणों को छोड़ा जाए। अगर ऐसा नहीं किया तो बिश्नोई व पर्यावरण से जुड़ी संस्थाएं पूरे भारत में सांकेतिक विरोध-प्रदर्शन करेगी। आज के विरोध-प्रदर्शन में अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के प्रवक्ता शिवराज बिश्नोई, रामनिवास बिश्नोई, जिला अध्यक्ष देहात रिछपाल फौजी, जिला अध्यक्ष शहर विजय पाल डेलू सुभाष विश्नोई, रामकिशन डेलू, शंकर लाल सोनी, जुगल हटीला, दिनेश सारण, राकेश जैन, प्रधान प्रतिनिधि राम रतन तर्ड, पार्षद जगदीश मांजू, पार्षद बजरंग ज्याणी, भंवर लाल पूनिया, श्याम थापन, ब्रह्मप्रकाश विश्नोई, हेतराम बेनीवाल, शंकर सलुडिया, रामस्वरूप डेलू, सुनील पूनिया, राजा ज्याणी, रविंद्र जाणी, तहसील बीकानेर पूर्व अध्यक्ष महावीर सियाग, पश्चिम अध्यक्ष अर्जुन डेलू, जीव रक्षा संस्था के मोखराम धारणियां, मोतीराम सियाग आदि उपस्थित रहे।