बीकानेर, नकली सोना थमा कर डेढ़ लाख रुपए ठगने का मामला प्रकाश में आया है। पीडि़त नागौर के सथेरण निवासी सवाईसिंह पुत्र उम्मेदसिंह राजपूत ने दो व्यक्तियों सहित एक महिला के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज कराया है। उसने रिपोर्ट में बताया कि छह सितंबर को नागौर के सथेरण आ रहा था। परिवादी ठेकेदारी का काम करता है। बस में दो व्यक्तियों से मुलाकात हुई, जिन्होंने अपना नाम बिल्लूराम पुत्र भीमाराम व दूसरे ने अर्जुनराम पुत्र पीराराम मेघवाल और सिरोही जिले के बडली निवासी बताया। आरोपियों ने मोबाइल नंबर मांगे, तो उन्हें दे दिए। नौ सितंबर को बिल्लूराम ने फोन किया। उसने बताया कि घड़साना में काम करते समय उसे सोने जैसा कोई आइटम मिला है। उसने कहा कि आप बीकानेर आओ। इसे चेक कराते हैं कि यह सही है या नकली। तब परिवादी ने कहा कि दो-तीन दिन काम है, बीकानेर नहीं आ सकता। इसके बाद आरोपी बिल्लूराम ने 11 सितंबर की सुबह साढ़े आठ बजे फिर फोन किया। सोना डेढ़ किलो है। तब सथेरण से रवाना होकर बीकानेर पहुंचा। यहां गंगाशहर नोखा रोड बस स्टैंड पर बिल्लूराम व अर्जुनराम मिले। आरोपियों ने अपने गले में पहनी माला के दो मोती तोड़कर दिए और कहा कि चेक करवा लो। चेक कराने पर वह असली सोने के थे। इसके बाद आरोपियों ने कहा कि यह सोना 15 लाख रुपए का है। दस लाख में देंगे। तीन लाख रुपए पहले देने होंगे। इस पर आरोपियों को डेढ़ लाख रुपए नकद दिए। आरोपियों ने कहा कि शेष रकम हर महीने एक-एक लाख रुपए के हिसाब से देनी होगी।
चेक कराया, तो तांबा निकला
पीडि़त ने बताया कि वह सोना लेने के लिए गांव से पत्नी संतोष के साथ आया। यहां से सोना लेकर श्रीबालाजी में जाकर सुनार को चेक कराया। सुनार ने बताया कि यह नकली तांबा है। तब आरोपी बिल्लूराम व अर्जुनराम को फोन किया, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। आरोपी बिल्लूराम व अर्जुनराम के साथ अर्जुनराम की मां भी थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।