बीकानेर, महज एक सप्ताह पहले हनुमान की सगाई हुई थी। घर में मंगल गीत गाए गए। एक दूसरे को बधाईयां दी गई। खुद हनुमान भी अपनी दुल्हन से मिलने को बेताब था, आए दिन घर वाले उसके साथ चुहलबाजी भी कर रहे थे। कुल मिलाकर घर में अनूठी से खुशी थी। पिता की मौत के बाद हनुमान ही घर की खुशियों का आधार रहा। इसी बीच बुधवार की रात घर पर आते वक्त हनुमान की बाइक अनियंत्रित होकर एक गाय से जा टकराई। टक्कर बहुत बड़ी नहीं थी लेकिन सिर में गंभीर चोट लगने से हनुमान गंभीर घायल हो गया। उसे अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिस घर में पिछले सात दिन से खुशियां ही खुशियां थी वहां अब मातम पसर गया है। कहीं से रोने की तो कहीं से सिसकने की आवाज आ रही है। इसी बीच कोई जोर से चिल्लाते हुए रो पड़ता है।
दरअसल, 28 साल का हनुमान झंवर बस स्टैंड पर बाइक व कार एसेसरीज व डेकोरेशन की दुकान पर काम करता था। जो कुछ भी आय होती, उसी से घर चल रहा था। इसी दुकान से काम करके वो बुधवार की रात घर पहुंच रहा था। सिर पर हेलमेट नहीं लगा था। बाइक थोड़ी तेज रही होगी। अचानक सामने आई गाय से जा टकराया। सिर के बल सड़क पर गिरा और सिर के अंदर की हडि्डयां टूट गई। शरीर पर कहीं भी घाव के निशान नहीं है, सिर्फ सिर पर लगी चोट ने उसे मौत तक पहुंचा दिया। गांव से सरपंच प्रतिनिधि गिरधारी सिंह अस्पताल पहुंचे लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई। रात में परिजनों को मौत का दुखद समाचार नहीं दिया लेकिन सुबह होते ही हर किसी को इस दुखद सत्य का पता चला। तब से घर के साथ पूरा गांव सदमे में है।
विधवा मां का सहारा था
दो बहनों व तीन भाईयों में सबसे छोटा हनुमान सबका प्रिय भी था। सभी के साथ उसके संबंध मित्रवत ही थे। पिता की मौत के बाद से मां का सबसे लाडला था। क्रिकेट के शौकीन हनुमान उर्फ हनी अपने दोस्तों में भी जिंदादिल था। ये ही कारण है कि मौत की खबर पूरे गांव से लोग उसके घर पहुंच रहे हैं।
इसने भी नहीं पहना हेलमेट
श्रीडूंगरगढ़ में इसी सप्ताह हेलमेट नहीं पहनने से दूसरे युवक की मौत हुई है। इससे पहले भी दो बाइक की टक्कर में एक युवक की मौत हो गई क्योंक उसने हेलमेट नहीं पहना था। एक सप्ताह में ही दूसरी मौत का कारण हेलमेट के प्रति लापरवाही साबित हो रहा है।