बीकानेर, राजस्थान में एक बार फिर से मानसून का दौर शुरू होने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार 9 सितंबर के बाद से प्रदेश के कई संभाग में भारी बारिश होने की संभावना है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है यदि सितंबर में भी मानसून का दौर पहले जैसा रहा तो 78 साल बाद बारिश का रिकॉर्ड टूट सकता है। इधर, शुक्रवार को प्रदेश के कोटा और उदयपुर संभाग में कहीं-कहीं पर हल्की से मीडियम बारिश होगी। अजमेर, जयपुर, भरतपुर बीकानेर और जोधपुर संभाग में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है। विभाग के मुताबिक राजस्थान में सितंबर महीने के शुरुआती सप्ताह में भले ही मानसून कमजोर पड़ गया है, लेकिन दूसरे सप्ताह में जमकर बारिश होगी। प्रदेश के ज्यादा हिस्सों में 2 से 8 सितम्बर तक सामान्य से कम बारिश दर्ज होगी। इसके बाद 9 से 15 सितंबर तक राजस्थान के ज्यादातर भागों में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। ऐसे में प्रदेश के जिलों में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहेगा। राजस्थान में इस साल मानसून के दौरान अब तक 1 जून से 31 अगस्त तक कुल 539.9 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है। जो औसत से 45 पर्सेंट ज्यादा है। इससे पहले साल 1944 में जून, जुलाई और अगस्त महीने के दौरान पूरे प्रदेश में कुल 611 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि सितम्बर महीने में 78 साल पुराना 1944 का सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड टूट सकता है। 3 से 5 सितम्बर के बीच कोटा और उदयपुर संभाग में कहीं-कहीं पर हल्की से मीडियम बारिश होगी। अजमेर, जयपुर और भरतपुर संभाग में एक-दो जगहों पर हल्की बारिश होगी। बाकी पूरे प्रदेश में मौसम सूखा रहेगा। मानसून ब्रेक के कारण बीते चार-पांच दिन में लगातार तापमान बढ़ रहा है। कई स्थानों पर पारा वापस 40 डिग्री के करीब पहुंचा है। राजस्थान, उत्तर-पूर्व, मध्य भारत में 2 से 8 सितम्बर तक अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री तक की बढ़ोतरी दर्ज हो सकती है। इन इलाकों को छोड़कर बाकी देशभर में तापमान सामान्य रहेगा। हालांकि इस दौरान नॉर्थ-वेस्ट इंडिया के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहेगा।सितंबर महीने के दौरान राजस्थान के कुछ हिस्सों को छोड़कर राजस्थान और भारत के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य या सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है। मौसम के विभाग के इस अलर्ट ने फिर से बाढ़ प्रभावित जिलों के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। वहीं, प्रशासन के लिए भी सामान्य से ज्यादा बारिश चुनौती होगी।पैसेफिक ओशियन और इंडियन ओशियन के भूमध्य रेखीय प्रशांत क्षेत्र में ला-नीना की स्थिति बनी हुई है। जोकि साल के आखिर तक जारी रह सकता है। दूसरे क्लाइमेट मॉडल भी आगामी सीजन के दौरान ला-नीना जारी रहने की संभावना है। इसका असर अगस्त महीने में था। इस कारण राजस्थान में लगातार बारिश हुई और सबसे अधिक असर उदयपुर, कोटा और भरतपुर संभाग में रहा। उदयपुर में तो भारी बारिश के कारण जिले के अधिकतर बांध फुल हैं। ‘ला-नीना ईयर के दौरान दक्षिण-पूर्व एशिया में ‘विशेषकर उत्तर-पश्चिम भारत और बांग्लादेश में बारिश सामान्य से ज्यादा होती है। इसलिए, इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश राजस्थान सहित देश के अन्य पार्ट में हो रही है। सबसे ज्यादा बारिश में राजस्थान अगस्त महीने तक देश में चौथे स्थान पर रहा है। तीन साल बाद राजस्थान के सबसे बड़े बाधों में शामिल बीसलपुर भी ओवरफ्लो हुआ है। यहां के दो गेट खोले गए हैं और लगातार पानी की निकासी हो रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दो साल तक इस डैम से पीने के पानी की लगातार सप्लाई होती रहेगा।