बीकानेर, प्रशासन शहरों के संग अभियान में यूआईटी ने चार वार्डों केे पट्टे बनाने के लिए आंबेडकर भवन में कैंप लगाया, लेकिन सुबह 9.30 बजे शुरू होने वाले कैंप में अधिकारी-कर्मचारी आवेदकों की पत्रावलियां एक बजे लेकर पहुंचे। वार्ड पार्षद, उनके प्रतिनिधि और आमजन इस लापरवाही पर खफा हुए और हालात सुधारने के लिए सोमवार को कलेक्टर से मिलने का फैसला किया है। प्रशासन शहरों के संग अभियान में यूआईटी को अगले साल 31 मार्च तक 10000 पट्टे बनाने हैं। इसके लिए चार-चार वार्डों का कैंप लगाकर पार्षदों के सहयोग से कैंप लगाने निर्णय लिया। शनिवार को सुबह 9.30 बजे दीनदयाल सर्किल पर आंबेडकर भवन में वार्ड 36,37,53 व 54 का कैंप था। मौके पर मौजूद पार्षद रफीक, प्रतिनिधि भगवानसिंह मेड़तिया, श्यामसिंह हाडला सहित अनेक लोग कैंप में पहुंच गए। पत्रावलियां नहीं होने पर तहसीलदार कालूराम पड़िहार के समक्ष रोष जताया। स्थिति बिगड़ती देख यूआईटी के अधिकारी-कर्मचारी हरकत में आए और करीब 12.30 बजे पत्रावलियां कैंप में पहुंची और काम शुरू हो पाया।
अभियान में यूआईटी का रिपोर्ट कार्ड
- अब तक बने पट्टे- 154
- बेचने की एनओसी- 111
- लोन मोरगेज – 117
- नामांतरण – 65
- लीज मनी जमा हुई- 2.37 लाख रु.
- पट्टों से आमदनी – 5.37 करोड़ रु.
कैंप को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप, सोमवार को कलेक्टर से मिलेंगे पार्षद वार्ड पार्षद और उनके प्रतिनिधियों का कहना है कि यूआईटी के अधिकारी-कर्मचारियों ने कैंप को गंभीरता से नहीं लिया। कैंप सुबह 9.30 बजे शुरू होना था, लेकिन अधिकारी और संबंधित बाबू टाइम पर पहुंचे ही नहीं। कैंप में पत्रावलियां और सर्वे रिपोर्ट ही नहीं थी। आमजन को परेशानी हुई। विरोध जताया तो दोपहर करीब 12.30 बजे पत्रावलियां मंगाई गईं। उसके बाद प्रत्येक वार्ड पर दो बाबुओं को बैठाकर काम कराया गया। सोमवार को कलेक्टर से मिलकर व्यवस्था के बारे में बताएंगे। मांग करेंगे कि कैंप वार्ड में ही लगाया जाए। इसके अलावा पट्टे बनाने के लिए एंपावर्ड कमेटी का गठन किया जाए।