श्रीगंगानगर, इलाके में लंपी स्किन डिजीज से बड़ी संख्या में पशुओं की मौत के बाद सोमवार को श्रीगंगानगर आए प्रभारी मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने हालात की समीक्षा की। उन्होंने जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग के ऑफिसर्स को लंपी स्किन डिजीज से लड़ने के लिए पूरी ताकत से काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस बीमारी से लड़ने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। इसी का नतीजा है कि पशुओं की मृत्युदर घटी है। यह दस प्रतिशत से घटकर तीन प्रतिशत पर आ गई है। उन्होंने कहा कि पशुओं का इलाज प्रशिक्षित वेटरनरी स्टाफ से ही करवाएं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस बीमारी काे महामारी घोषित करे।
सरकार ने दिए वेटरनरी डॉक्टर उन्हीं से करवाएं इलाज
प्रभारी मंत्री ने कहा कि पशुपालक अपने पशुओं का इलाज पशुपालन विभाग के डॉक्टरों और पशुधन सहायकों से ही करवाएं। जल्द ही सरकार कुछ वेटरनरी डॉक्टरों और पशुधन सहायकों की नियुक्ति करेगी। उन्होंने कहा कि श्रीगंगानगर जिले में संक्रमण की रोकथाम के लिए 6 वेटरनरी डॉक्टर, 15 पशुधन सहायक और 4 मोबाइल वैन सरकार ने उपलब्ध करवाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना की तरह ही लंपी स्किन डिजीज काे लेकर भी गंभीर है। उन्होंने बीमार से संक्रमित पशुओं के आइसोलेशन और मृत पशुओं के निस्तारण सही तरीके से करवाने की बात कही।
14 लाख की दवा खरीदी, 45 लाख के रेट कांट्रेक्ट
जिला कलक्टर रुक्मणि रियार सिहाग ने प्रभारी मंत्री को बताया कि जिले में संक्रमण की रोकथाम के लिए 14 लाख रुपए की दवाइयां खरीद ली गई हैं जबकि 45 लाख रुपए की दवा खरीद के रेट कॉन्ट्रैक्ट कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग के अधिकारियों की लगातार मॉनिटरिंग करते हुए लंपी स्किन डिजीज की प्रभावी रोकथाम और संक्रमण फैलाव को रोकने के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जिले की सभी ग्राम पंचायतों में बीडीओ और तहसीलदार के नेतृत्व में टीमें बनाकर मृत पशुओं का निस्तारण एसओपी के माध्यम से करवाया जा रहा है।