
बीकानेर, लंपी स्किन डिजीज राेग पशुओं के लिए जानलेवा बन चुका है। पशुपालन विभाग का दावा है कि जिले में 10293 पशु लंपी से संक्रमित हैं, जबकि सिर्फ 527 की मौत हुई है। भास्कर ने हकीकत जानने के लिए जिले की 8 पंचायतों के 45 गांवों से आंकड़े जुटाए तो हालात चौंकाने वाले मिले। पिछले 5 महीने में लगभग 49 हजार गायें लंपी से संक्रमित हो चुकी हैं, जिनमें से लगभग 5065 की मौत हो चुकी है। ग्रामीण इलाकों में रोज औसतन 7-10 गायों की मौत हो रही है। कोरोना की तरह लंपी स्किन डिजीज से भी गायों की इम्युनिटी कम हो रही है। इस वजह से उनकी मौत हो रही है। छतरगढ़ में सबसे ज्यादा 20 हजार गायें बीमार हो चुकी हैं, जबकि 2000 की मौत हो चुकी है।
लूणकरणसर में 11000, जबकि पांचू में 7 हजार पशु संक्रमित हैं।
मार्च में इस रोग ने बीकानेर में दस्तक दी थी, लेकिन अभी तक इसकी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। सामान्य दवाइयों से ही काम चलाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी के कारण पशु अस्पताल भी बंद पड़े हैं। कई इलाकों में पशुओं के शव खुले में ही फेंके जा रहे हैं, जिससे संक्रमण और तेजी से फैल रहा है।
इलाज भी मुश्किल – डॉक्टरों की कमी के चलते गांवों के पशु हॉस्पिटल ही बंद
गांवों में पशु चिकित्सकों के अभाव में हॉस्पिटल ही बंद पड़े हैं। पशुओं के इलाज के लिए 3 मोबाइल क्लिनिक भी मंजूर हैं, लेकिन केवल एक ही शुरू है। पशु चिकित्सकों के 24 और कंपाउंडरों के 110 पद खाली हैं। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. वीरेंद्र नेत्रा ने बताया कि खाजूवाला और पांचू में मोबाइल वैन भेजी गई थी। गांवों में सर्वे करवाया जा रहा है। दूध के इस्तेमाल से डर रहे पशुपालक – पशु पालक संक्रमित पशुओं के दूध के इस्तेमाल से भी कतराने लगे हैं। वे इस बात से डर रहे हैं कि दूध का सेवन करने से वे भी संक्रमित न हो जाएं। वहीं पशुओं के दूध देने की क्षमता भी कम हो रही है।
कई पशुपालक आर्थिक संकट में
खाजूवाला – चक 32 केवाईडी के महावीर सिद्ध की 4 राठी गायों की मौत हो गई। जिनकी कीमत 2 लाख रुपए है। 11 बीडी में धर्मवीर की 2 गायों व 3 बछड़ियों की मौत हो गई। 40 केवाईडी सरपंच रामेश्वर लाल गोदारा की 3 गायों की मौत हो गई, जिनकी कीमत 1.20 लाख रुपए हैं। पांचू – ओमप्रकाश की 5 गायें व 2 बछड़े मर गए। रोजाना 50 लीटर दूध निकलता था। जिसे बेच वह परिवार का गुजारा करता था। अब आर्थिक तंगी के हालात हैं। लूणकरणसर – खोखराणा में सहीराम साहू की दो गाय व एक भैंस की मौत हो गई। इसी गांव के भगवाना राम जाट की तीन गायों की एक साथ मौत हो गई है।
भास्कर एक्सपर्ट- प्रो.गर्ग ने कहा- पशु मेला और परिवहन पर सख्त पाबंदी हो
वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसके गर्ग का कहना है कि पशुओं के परिवहन पर रोक लगनी चाहिए। पशु मेला पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए। शहर में आवारा पशुओं को एक जगह रखा जाए ताकि पालतू पशु बच सकें। वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं है। संक्रमित पशुओं के लक्षण के हिसाब से इलाज हो रहा है। बुखार है तो उसकी दवा देनी चाहिए और अगर शरीर में घाव हो चुके हैं तो उसका अलग ट्रीटमेंट है।
वैक्सीन की शॉर्टेज- 100 वाॅयल 5 मिनट में बिकी, एक डोज के 500 रु. वसूल रहे
गोट फॉक्स ऐसी वैक्सीन है, जिसे कोई 15 दिन पहले पूछता भी नहीं था। लंपी रोग ने इस वैक्सीन की मांग बढ़ा दी। बीकानेर में 5 दिन पहले 100 वॉयल आई थी, जो 5 मिनट में बिक गई। 300 रुपए की वॉयल से 5 और ₹900 रुपए की वॉयल से 15 पशुओं को वैक्सीन लग सकती है। लेकिन, वेटरनरी कंपाउंडर वैक्सीन की एक डोज के ₹500 रुपए तक वसूल रहे हैं।