जयपुर, राजस्थान में मिले मंकीपॉक्स के दो संदिग्धों में से एक की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि दूसरे मरीज की रिपोर्ट आज शाम तक आ सकती है। दोनों संदिग्धों को सोमवार को जयपुर के आरयूएचएस में बने मंकीपॉक्स आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। एसएमएस मेडिकल कॉलेज की सीनियर प्रोफेसर ने कहा कि जिस मरीज की रिपोर्ट निगेटिव है वो भरतपुर का रहने वाला है। हालांकि, उसकी प्रोफाइल के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। किशनगढ़ (अजमेर) के युवक की रिपोर्ट अभी आना बाकी है। दोनों मरीजों के सैंपल सोमवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज की लैब में भेजे गए थे। यहां सैंपल निगेटिव मिलने के बाद भी उन्हें पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजे जाएगा। सिम्प्टम्स देखकर किया था एडमिट भरतपुर के युवक को संदिग्ध मानते हुए सोमवार सुबह आरयूएचएस में भर्ती किया गया था। इसे हल्का बुखार होने के साथ ही शरीर पर कुछ ही दाने थे। वहीं, बेंगलुरु में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले किशनगढ़ के 20 साल के युवक को रविवार देर रात एडमिट किया था। उसे बुखार होने के साथ शरीर पर जगह-जगह दाने हो रहे थे। इसे देखते हुए किशनगढ़ में डॉक्टरों ने इसे संदिग्ध मानते हुए जयपुर रेफर कर दिया।

तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
जिन लोगों के बुखार, गर्दन में गांठे, पूरी बॉडी पर चिकनपॉक्स जैसे दाने की समस्या आ वह तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। डॉ. शर्मा ने बताया कि इस केस में मरीज के प्राइवेट पार्ट और मल द्वार के आसपास एनोजेनाइटल पेन होता है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मंकीपॉक्स के लक्षण 6 से 13 दिन के अंदर दिखाई देने लगते हैं। हालांकि कई बार 5 से 21 दिन का समय भी ले सकता है। संक्रमित होने पर अगले 5 दिन के अंदर बुखार, सिरदर्द, थकान और पीठ में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं।

नई एडवाइजरी जारी
WHO पहले से कहता आ रहा है कि समलैंगिक पुरुषों में मंकीपॉक्स के संक्रमण की ज्यादा संभावना है। या जिस पुरुष का संबंध दूसरे पुरुष से रहता है उन्हें मंकीपॉक्स होने का खतरा ज्यादा है। इस बात को लेकर LGBTQ कम्यूनिटी में हलचल थी।अब WHO ने नई हेल्थ एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा है कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि मंकीपॉक्स का खतरा केवल पुरुषों के साथ यौन संबंध यानी सेक्स करने वाले पुरुषों तक ही सीमित नहीं है। कोई भी व्यक्ति, जो किसी संक्रमित व्यक्ति के कॉन्टैक्ट में है, उसे मंकीपॉक्स होने का खतरा ज्यादा है।