बीकानेर, में REET एग्जाम के दौरान एक युवक अपनी पत्नी और दूसरा युवक अपने भाई को नकल कराने की कोशिश में था। ब्लूटूथ से नकल कराने का न तो अनुभव था और न तरीका पता था। इसके बाद भी सामान लेकर सेंटर के आसपास पहुंच गए। दरअसल, दोनों चीटिंग कराने का चांस ले रहे थे कि अगर कोई सेटिंग बैठ गई तो बाहर से उत्तर बता देंगे। पुलिस को इनकी हरकत पर शक हुआ और दबोच लिया। बाद में पता चला कि जिन्हें नकल करानी थी, उन्हें कोई सामान दिया ही नहीं। मामला शनिवार को पहली पारी के एग्जाम का है। बीकानेर के बीछवाल में रहने वाले प्रदीप चौधरी अपने भाई को नकल कराने के लिए सेंटर पर पहुंचा था। प्रदीप यहां रिको कॉलोनी में रहता है। उसका भाई REET का एग्जाम दे रहा है। वहीं बज्जू के मिठड़िया गांव में रहने वाला दिनेश कुमावत अपनी पत्नी को नकल कराने की कोशिश में था। अनुभव नहीं था इसलिए नकल कराने से डर भी रहे थे। इसी कारण नकल का पुख्ता प्रबंध नहीं होने के कारण दोनों अपने रिश्तेदारों को नकल की सामग्री नहीं दे पाए। दरअसल, समय से पहले पुलिस ने इन्हें दबोच लिया था। अगर पुलिस लेटलतीफी करती तो ये पेपर भी नकल की भेंट चढ़ सकता था।

नकल का सामान बरामद

इन दोनों से पुलिस को 02 डिवाईस सिम, बैटरी, 04 मक्खी (ब्लूटूथ ईयरफोन), चिमटी व नकल के अन्य उपकरण मिले थे। इनमें दो मक्खी केंडिडेट्स को देनी थी लेकिन नहीं दी गई। एग्जाम से पहले ही इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि केंडिडेट्स की भी बाद में छानबीन की गई, लेकिन उनके पास नकल का कोई सामान नहीं था। ऐसे में केंडिडेट्स से पूछताछ तो हुई लेकिन हिरासत में नहीं लिया।

साइबर टीम का कमाल

पुलिस सूत्रों की मानें तो ये साइबर टीम का ही कमाल था कि नकल कराने की कोशिश करने वालों की पुलिस को भनक लग गई। एग्जाम से पहले पुलिस ने बड़ी संख्या में मोबाइल सर्विलांस पर रखे हुए थे। इसी दौरान कुछ सुराग पुलिस को मिल थे। वहीं कुछ संदिग्ध लोगों पर नजर रखी हुई थी। पहले से नकल के मामले में गिरफ्तार पूरी गैंग पर पुलिस की नजर थी। इस बीच प्रदीप और दिनेश की हरकतों पर पुलिस को शक हुआ। काफी पुख्ता जानकारी मिलने के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया।

इस टीम का प्रयास

नकल पकड़ने की ये कार्रवाई बीछवाल थाना प्रभारी मनोज शर्मा के निर्देशन में की गई। वहीं साइबर टीम ने भी इस मामले में काफी सक्रियता दिखाई। पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में काम करने वाली डीएसटी टीम के साथ जयनारायण व्यास कॉलोनी थानेदार महावीर बिश्नोई, एसआई मनोज यादव, रामकरण सिंह, एएसआई जय सिंह, हैड कांस्टेबल कानदान, दीपक यादव रोहिताश और महावीर सिंह व दिलीप सिंह की भूमिका रही। बीस पुलिसकर्मियों की इस टीम ने एग्जाम से पहले ही दोनों आरोपियों को दबोच लिया था।