चातुर्मास के लिए श्री पद्मश्री जी म. सा. एवं श्री मृदुला श्री जी सहित 17 ठाणों के साथ किया नगर प्रवेश

बीकानेर। बीकानेर एक- दो-तीन- चार, विजयगुरु की जय-जयकार, भगवान महावीर स्वामी की जय, गुरु चमकते सुर्य समाना सहित ऐसे ही गगनभेदी जयकारों की गूंज बुधवार की सुबह रानीबाजार इण्डस्ट्रीयल एरिया स्थित रूपा-समता स्वाध्याय भवन से लेकर ढढ्ढा चौक स्थित कोठारी भवन तक एकसार सुनाई दी। आगे आगे श्री शान्त क्रान्ति जैन श्रावक संघ के आचार्य प्रवर 1008 श्री विजयराज जी महाराज साहब की आज्ञानुवर्तिनी महासती 1005 श्री पद्मश्री जी एवं मृदुलाश्रीजी ने 17 ठाणों के साथ नगर में चातुर्मास के लिए प्रवेश किया। वहीं उनके पीछे बड़ी संख्या में श्रावक संघ की महिलाएं व पुरुष जयकारे लेते हुए चल रहे थे, जहां उनका ढढ्ढा चौक स्थित कोठारी भवन में चार माह का चातुर्मास रहेगा। रानी बाजार इण्डस्ट्रीयल एरिया स्थित रूपा-समता स्वाध्याय भवन से कोठारी भवन के लिए विहार के दौरान उनके साथ सैंकड़ो नर-नारियों ने साथ चलते हुए भगवान महावीर स्वामी की जय, विजय गुरु की जय-जयकार सहित गगन भेदी नारे लगाकर संपूर्ण मार्ग को धर्ममय वातावरण में परिवर्तित कर दिया। श्री शान्त-क्रान्ति जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष विजयकुमार लोढ़ा ने बताया कि आचार्यश्री विजयराज जी म. सा . ग्यारह दिन से मौन साधना कर रहे हैं। गुुरुवार को साधना के दिन पूर्ण होने के बाद रानी बाजार स्थित गौड सभा भवन के पास सुराणा स्वाध्याय भवन में महाराज श्री का महामंगलिक कार्यक्रम का आयोजन सुबह दस बजे से आरंभ होगा। कार्यक्रम में समाज के सभी लोग मौजूद रहेंगे। आचार्य श्रीविजयराज जी महाराज साहब शुक्रवार सुबह 9 बजे विहार कर चातुर्मास के लिए नगर प्रवेश करेंगे। महाराज साहब सेठ धनराज ढढ्ढा की कोटड़ी में चातुर्मास के लिए पधारेंगे,जहां श्रावक संघ की ओर से नित्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यकारी अध्यक्ष एवं प्रचार मंत्री विकास सुखाणी ने बताया कि आचार्य श्री विजयराज जी महाराज साहब के आगमन को लेकर समस्त समाज के लोगोंं में उत्साह का माहौल है। श्रावक संघ की ओर से महाराज श्री के आगमन को लेकर संपूर्ण तैयारियां कर ली गई है। साथ ही सभी सदस्यों को अलग-अलग विभाग बनाकर जिम्मेदारियां सौंप दी गई है। प्रचार मंत्री विकास सुखाणी ने बताया कि बुधवार को आचार्य श्री विजयराज जी म. सा. के आज्ञानुवर्तिनी महासती वृन्द कोठारी भवन में चातुर्मास करेंगे वहीं आचार्य श्री विजयराज जी महाराज साहब चातुर्मास के लिए सेठ धनराज ढढ्ढा की कोटड़ी में पधारेंगे।

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