जयपुर, अलवर के फूलबाग थाने में तैनात एक महिला हेड कॉन्स्टेबल कविता स्कूटी पर जा रही थी। तभी पीछे से बाइक पर आए एक बदमाश ने झपट्टा मारकर सोने की चेन तोड़ ली। हड़बड़ाहट में स्कूटी स्लिप होने के कारण लेडी हेड कॉन्स्टेबल बुरी तरह से जख्मी हुईं, लेकिन बहादुरी से चेन लूटने वाले बदमाश को पीछा कर दबोच लिया। कुश्ती और दौड़ में अव्वल रहने वाली एथलीट पुलिसकर्मी कविता ने जिस बदमाश को पकड़ने में इतनी बहादुरी दिखाई, वो कानून के ही एक लूपहोल के कारण थोड़े दिनों में जेल से छूट गया। ऐसे ही सैकड़ों चेन लुटेरे आए दिन राजस्थान की सड़कों पर दिनदहाड़े मां-बहनों के गले में हाथ डाल रहे हैं, उनके दुपट्टे उछाल रहे हैं। चेन लूटने के लिए राह चलती महिलाओं-बुजुर्गों से मारपीट कर, लूटकर मौत बांट रहे हैं। 9 महीने पहले नागौर में मॉर्निंग वॉक पर निकले एक युवक को लूटने के बाद लुटेरों ने ओवर ब्रिज से धक्का दे दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई। करोड़ों की लूट-ठगी के सामने सामान्य दिखने वाली इन वारदातों का असल सच ये है कि शिकार हुए परिवारों को सदमे से बाहर आने में कई महीने लगते हैं। मौत का आतंक फैलाने वाले ये बदमाश बड़ी आसानी से छूट जाते हैं। ये वो घटनाएं हैं जो आजकल खबरों की दुनिया में सुर्खियां नहीं बटोरती, लेकिन बहन-बेटियों, बुजुर्ग-महिलाओं और हर परिवार की सुरक्षा से जुड़े इस अहम मुद्दे की भास्कर ने पड़ताल की। कानून के जानकारों से लेकर पुलिसिंग एक्सपर्ट से बात की तो चौंकाने वाला सच सामने आया। ऐसे अपराधियों को सजा दिलाने में राजस्थान फिसड्डी है। हमारे पड़ोसी राज्य गुजरात और हरियाणा ने बहुत पहले ही ऐसे कानूनी संशोधन कर दिए जिनसे बदमाश खौफ खाने लगे हैं।