बीकानेर, स्कूलों में ग्रीष्मावकाश पर पर्यटन को निकले अथवा रिश्तेदारों के घर गए शिक्षकों को योग दिवस पर शिक्षा विभाग ने बड़ी राहत दी है। दरअसल, योग दिवस पर शिक्षकों को उनके ही स्कलों में मौजूदगी के साथ-साथ बाकायदा योग करने के आदेश मिलने के बाद टेंशन में चल रहे शिक्षकों के लिए विभाग ने बड़ा एलान किया है। विभाग का नए निर्देशों में कहा गया है कि अगर शिक्षक अपने गृह जिलों में गए हुए हैं, तो अपने गृह स्थान से नजदीकी स्कूल में अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर योग दिवस में हिस्सा ले सकते हैं। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को है। इस समय स्कूलों में ग्रीष्मावकाश चल रहा है। ऐसे में कई शिक्षक अपने गृह जिले में गए हुए हैं। ऐसे में शिक्षकों को यह चिंता सता रही थी कि ग्रीष्मावकाश से पहले ही स्कूल जाना पड़ेगा। लेकिन शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की इस परेशानी को देखते हुए अब यह आदेश जारी किया है कि योग दिवस समारोह में अपरिहार्य कारणों से आने में असमर्थ शिक्षक अगर अपने पदस्थापन मुख्यालय पर नहीं आ पाते हैं, तो अपने गृह स्थान के निकटतम विद्यालय के योग दिवस कार्यक्रम में आवश्यक रूप से हिस्सा लेंगे। इस संबंध में रविवार को शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा अग्रवाल को योग दिवस समारोह के लिए राजस्थान राज्य का नोडल अधिकारी भी मनोनीत किया गया है।
शिक्षक संगठनों ने की थी मांगराजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने शिक्षा निदेशक को पूर्व में ज्ञापन देकर शिक्षकों को अपने पदस्थापन मुख्यालय पर शिक्षकों काे राहत देने की मांग की थी। संघ के प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य , महामंत्री महेन्द्र कुमार लखारा तथा प्रदेशाध्यक्ष नवीन कुमार शर्मा ने दिए ज्ञापन में बताया था कि स्कूलों में 23 जून तक ग्रीष्मावकाश चल रहा है। इस वजह से शिक्षकों को राहत दी जाए।