बीकानेर, इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत के लिए नहर बंदी के निर्णय के बाद भी इस बार बीकानेर शहर में जल संकट जैसे हालात बनते नजर नहीं आ रहे हैं। प्रशासनिक स्तर पर पानी नियमित रूप से दिया गया तो शहर के सभी क्षेत्रों में आम दिनों की तरह ही पानी मिल सकता है। आमतौर पर नहर बंदी में जरूरत से ज्यादा पानी संग्रहित रखने की जलदाय विभाग की सोच के कारण ही मोहल्लों में पानी के टैंकर नजर आते हैं। वैसे जलदाय विभाग ने एक दिन छोड़कर एक दिन पानी देने का निर्णय कर लिया है लेकिन इसकी तारीख अभी तय नहीं है। इंदिरा गांधी नहर से 19 अप्रैल तक पीने का पानी मिलेगा। इस दौरान बीकानेर के शोभासर व बीछवाल जलाशय को पूरी तरह लबालब भरने की योजना चल रही है। अगले 9 दिन में ये जलाशय भर जाते हैं तो जलदाय विभाग पद्रह मई तक आसानी से पानी दे सकता है। आमतौर पर नहर बंदी के दौरान दो दिन में एक बार पानी देने की विभाग की नीति के चलते जल संकट खड़ा होता है। ऐसे में मोहल्लों में पानी के टैंकरों की कतार नजर आती है। कई बार इन्हीं टैंकरों से पानी भरने के लिए लोग आपस में झगड़ा तक कर लेते हैं। बीकानेर के दोनों जलाशय अगर पूरी तरह से भरे हुए हैं तो 24 दिन तक पानी दिया जा सकता है।
जलदाय विभाग एक बार फिर हर रोज दिए जाने वाले पानी की मात्रा कम कर सकता है। जिन एरिया में तीस मिनट तक पानी आता है, वहां 19 अप्रैल के बाद बीस मिनट पानी हो सकता है। इसी तरह एक दिन छोड़कर एक दिन पानी देने की योजना पर भी काम चल रहा है। कई बार विभाग एक दिन छोड़कर एक दिन पानी देकर भी मात्रा कम कर देता है। ऐसे में जल संकट खड़े होते हैं। फिलहाल जिस दिन पानी मिलेगा, उस दिन की मात्रा कम नहीं होगी। 19 अप्रैल को दोनों जलाशयों की क्षमता देखने के बाद ही तय होगा कि ये व्यवस्था कब से लागू होगी। जलदाय विभाग ने इस दौरान आम आदमी की शिकायत सुनने के लिए कंट्रोल रूम बना दिया है। जिन एरिया में पानी कम पहुंचेगा, वहां टैंकर भी पहुंचाये जाएंगे।