अलवर. सरकार भले ही नरेगा के तहत ग्रामीणों को रोजगार दिलाकर अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन जमीनी स्तर पर नरेगा में फर्जीवाड़ा चल रहा है। गड़बड़ी से मनमुताबिक लोगों को रोजगार दिया जा रहा है और मृत लोगों के जॉब कार्ड बन रहे हैं। अलवर जिले के कठूमर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत नाटोज में नरेगा के तहत 1 मई 2020 को जयसिंह पुत्र रघुवीर सिंह का जॉब कार्ड बना दिया गया। जबकि उक्त व्यक्ति की 1 मार्च 2019 को ही मृत्यु हो गई थी। जिम्मेदार अधिकारियों ने मृत व्यक्ति का ही जॉब कार्ड बनवा दिया। इसी दौरान कुवंर सिंह के नाम से एक जॉब कार्ड बना दिया गया, जिसमें सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं। ऐसे और भी कई मामले हैं जिनमें आवेदक के नाम से जुड़ी गड़बड़ी है।
2013 में रिटायर अधिकारी के हस्ताक्षर से मिला रोजगार
इसी ग्राम पंचायत में कई जॉब कार्ड ऐसे भी हैं जिनमें पूर्व ग्राम विकास अधिकारी के हस्ताक्षर अंकित हैं। मई 2020 में बने करीब 10 जॉब कार्ड पर पूर्व ग्राम विकास अधिकारी श्रवणसिंह के हस्ताक्षर हैं। जबकि वे फरवरी 2013 में ही रिटायर हो गए थे। फर्जी हस्ताक्षर से अपात्र ग्रामीणों को रोजगार भी मिल गया और मानदेय भी दे दिया गया। इस मामले में पूर्व ग्राम विकास अधिकारी श्रवणसिंह ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है किसने उनके नाम से हस्ताक्षर कर लिए। यह गलत है। वहीं ग्राम विकास अधिकारी नाटोज गोपाल सिंह से इस मामले पर बात करने के लिए फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया और बाद में फोन बंद कर दिया।
पहले भी सामने आ चुकी गड़बड़ी
नरेगा में पहले भी कई बार गड़बड़ी सामने आ चुकी है। पिछले साल लक्ष्मणगढ़ ग्राम पंचायत में मजदूरों के नाम से फर्जी जॉब कार्ड बनवाकर लाखों रुपए की राशि हड़प ली गई थी। फर्जी तरीके से 211 दिन के काम के पैसे उठा लिए गए थे। इस मामले में एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए थे, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
जांच करवाएंगे
मेरी जानकारी में इस तरह का प्रकरण अभी तक नहीं आया है। संबंधित अधिकारी से मामले की जानकारी लेकर जांच कराई जाएगी और गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। समय सिंह मीणा, विकास अधिकारी, कठूमर पंचायत समिति