जयपुर। राजस्थान के कोटा जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां पुत्र ने अपने पिता को मरा हुआ समझकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार के बाद नौ दिन तक सभी धार्मिक संस्कार भी पूरे किए। लेकिन, 10वें दिन उसे अपने पिता के जीवित होने का पता चला। उसे पता चला कि जिसे वह पिता का शव समझकर अंतिम संस्कार कर चुका है, वह कोई और था । अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि जिस शव का अंतिम संस्कार किया गया, वह किसका था । अयाना पुलिस थानाप्रभारी प्रहलाद सिंह ने बताया कि यह मामला गुमानपुरा गांव का है।
राजस्थान के कोटा जिले का मामला, बेटे से शव को पहचानने में हुई गलती
75वर्षीय बुजुर्ग नाथूराम गत सात जनवरी को घर से बिना बताए निकल गए थे। मानसिक रूप से कमजोर नाथूराम को स्वजन ने काफी तलाशा, लेकिन उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। इस पर नाथूराम के पुत्र राजाराम ने अपने पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट अयाना पुलिस थाने में दर्ज कराई। उसी दिन सदर पुलिस थाना इलाके में एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला। उस शव का चेहरा लापता नाथूराम जैसा ही था । इस पर राजाराम ने शव की पहचान अपने पिता के रूप में कर ली। पुलिस ने कानूनी कार्रवाई कर शव राजाराम को सौंप दिया।
राजाराम ने सात जनवरी को ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद सभी तरह के धार्मिक संस्कार भी पूरे किए। इस बीच गत सोमवार को पुलिस गश्त के दौरान विजयपुरा नहर के पास एक बुजुर्ग सर्दी से ठिठुरता हुआ मिला। पुलिसकर्मियों ने उसे थाने लाकर पूछताछ की तो उसने अपने स्वजन के बारे में कुछ जानकारी दी। जांच करने पर सामने आया कि नाथूराम तो राजाराम के पिता हैं।
इस पर पुलिस ने राजाराम को बुलाकर पिता से मिलवा दिया। एक-दूसरे को देखकर पिता-पुत्र भावुक हो गए। बाद में राजाराम अपने पिता को घर ले गया । राजाराम ने पुलिस को बताया कि सर्दी के कारण शव का चेहरा खराब हो चुका था । इस कारण उससे पहचानने में गलती हुई।