कोरोना की दूसरी लहर ने गांवों में तबाही लाकर रख दी थी। थर्ड वेव ने एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है। लेकिन राहत की बात यह है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट इस बार गांवों में कम असर दिखा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण वैरिएंट इस बार कमजोर है। एक्सपर्ट दावा कर रहे हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट का वायरस हवा में 20 मिनट से ज्यादा भी नहीं टिक पा रहे हैं। यहीं कारण है कि जहां भीड़-भाड़ कम है वहां इसका असर कम हो रहा है। इम्यूनोलॉजिस्ट और रेस्पिरेटरी डिजीज स्पेशलिस्ट डॉ वीरेन्द्र सिंह यादव ने ने बताया कि शहरों और महानगरों में कोविड संक्रमण तेजी से फैलता है। लेकिन गांवों में इसका असर कम है। क्योंकि हवा में यह ज्यादा समय तक नहीं रह पाता। उनका कहना है कि किसी के छींकने या खांसने पर ड्रॉपलेट 3 से 4 फीट तक जाते हैं। इसके बाद 5 से 6 फीट के बाद इसके ड्रॉपलेट कमजोर होकर खत्म हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि बड़े शहरों में एक जगह से दूसरी जगह जाने में ट्रैवल टाइम ज्यादा लगता है। उदाहरण के तौर पर दिल्ली में किसी व्यक्ति को 50 किलोमीटर ट्रैवल करने में डेढ़ घंटा तक लग जाता है। जयपुर में 20 से 30 मिनट समय सिटी में लगता है। राजस्थान के बाकी जिला मुख्यालयों पर 10-15 मिनट ही शहर में ट्रैवल के लगते हैं। इसलिए कोविड संक्रमित जितनी देर तक शहर में ट्रैवल करता है, उतना ज्यादा संक्रमण का खतरा भी बढ़ता है। जबकि गांवों में जहां जनसंख्या कम है वहां संक्रमण फैलने की आशंका भी कम रहती है।

बड़े जिलों में रफ्तार से फैल रहा है कोरोना
कोरोना की तीसरी लहर में छोटे जिले और शहरों,आदिवासी इलाकों, गांवों-कस्बों में महानगरों और बड़े शहरों के मुकाबले संक्रमण काफी कम है। राजस्थान में 17 जनवरी तक कोरोना के कुल एक्टिव केसों की संख्या 66 हजार 742 रही। इसमें 6 बड़े शहरों वाले जिलों- जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, बीकानेर और NCR में आने वाले अलवर के एक्टिव केस 40 हजार 622 हैं। ऐसे में यह 6 जिले ही बाकी प्रदेश के 27 जिलों पर संक्रमण के लिहाज से भारी हैं। छोटे शहरों वाले जिले- जालोर में 24, करौली में 123, बूंदी में 228, बारां में 454, ​​​​​​टोंक में 460, ​झालवाड़ में 473, झुंझुनूं में 477 ही कोविड एक्टिव केस हैं। इसी तरह ग्रामीण इलाकों वाले क्षेत्रों में एक्टिव केस कम है।

गांवों की तुलना में शहरों में तेजी से फैल रहा संक्रमण
सूत्र बताते हैं कि संक्रमण गांवों की तुलना में शहरों में ज्यादा तेजी से फैल रहा है। 90 फीसदी से ज्यादा संक्रमण के मामले शहरी इलाकों में ही मिले हैं। कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में भी शहरी मरीजों की संख्या ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों से कई गुना ज्यादा देखने को मिल रही है। राजस्थान में गांवों-कस्बों और छोटे शहरों वाले जिलों में कोरोना का संक्रमण कम फैल रहा है। जबकि महानगरों-बड़े शहरों में ज्यादा संक्रमण फैलने का बड़ा कारण वहां दूसरे राज्यों या जिलों से लोगों की ज्यादा आवाजाही को माना जा रहा है।