
जयपुर। प्रदेश में कोविड—19 के लगातार मिल रहे अत्यधिक मामलों व हाई संक्रमण दर के बावजूद आगामी दिनों में इसके एंडेमिक में बदलने की संभावना तेज हो गई है। विशेषज्ञों के अनुसार संक्रमित और संक्रमण दर भले ही अधिक हों, लेकिन इसकी घातकता अब दूसरी लहर की तुलना में बेहद कम है। इस तरह की दर से यह कम्यूनिटी स्प्रेड तो है, लेकिन इसका सकारात्मक असर भी आने वाले दिनों में सामने आएगा। दरअसल, इस समय वायरस हवा में है और जितने लोग कोविड जांच करवा रहे है, उनमें से 10 से 20 प्रतिशत की दर से संक्रमित मिल रहे हैं। हाल ही में एक दिन तो राज्य की दर करीब 25 प्रतिशत और जयपुर की 40 प्रतिशत से अधिक रह चुकी है। इस समय बड़ी संख्या ऐसे लोगों की भी है, जो कोविड संक्रमितों के संपर्क में आने के बाद संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन सामान्य या नजर नहीं आने वाले लक्षणों के बाद रिकवर भी हो रहे हैं। ऐसी आबादी के भी एंटीबॉडी से बूस्ट होने की पूरी संभावना है। मौजूदा संक्रमण को देखते हुए इसकी संभावना भी अधिक है।
बूस्टर डोज की तरह करेगा काम
विशेषज्ञों के अनुसार संक्रमित होकर हल्के लक्षणों से लोग रिकवर होते रहे तो यह पेंडेमिक के बजाय एंडेमिक साबित होगा और यह बूस्टर डोज की तरह काम करेगा। अभी तक प्रदेश में सामने आए इस वैरिएंट के करीब 1 हजार मामलों में से 99 प्रतिशत से भी अधिक ए—सिंपटोमेटिक व हल्के लक्षण वाले ही रहे हैं। रिकवर होने के बाद इनमें एंटीबॉडी बनने की संभावना है। ऐसे में जिन लोगों ने कोविड की वैक्सीन अब तक नहीं लगवाई है, उनके लिए यह कोविड डोज और जिन्होंने दोनों डोज लगवा ली है, उनके लिए यह बूस्टर डोज की तरह काम करेगा। गौरतलब है कि पहले भी 90 प्रतिशत तक लोगों में एंटीबॉडी मानी जा चुकी है।








