बीकानेर देवेंद्र वाणी बीकानेर, सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों में कोरोना एडवायजरी की पालना नहीं होने से खुलेआम कोरोना को दावत दी जा रही है। उल्लेखनीय है कि शीतकालीन अवकाश के बाद एक जनवरी से सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयो में फिर से बच्चों की चहल-कदमी शुरू हुई।
हालाकि कड़ाके की ठण्ड के बीच उच्च प्राथमिक विद्यालयो में विद्यार्थियों का ठहराव कम नजर आया। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयो में कोरोना एडवायजरी की पालना भी नजर नहीं आई। ठण्ड के कारण खुले में धूप में बैठे विद्यार्थियों ने हालाकि बैठक व्यवस्था में दूरी बना रखी थी, लेकिन विद्यालयों के मुख्य द्वार पर सेनैटाइजर नदारद थे। वहीं अधिकांश विद्यार्थियों के मुहं पर भी मास्क नहीं होने से कोरोना को खुली दावत देते नजर आए। प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमितों की संख्या के बावजूद सरकारी स्कूलों में गाइडलाइन की पालना नहीं की जा रही है। स्कूलों में बच्चे मास्क लगा रहे हैं न सोशल डिस्टेंङ्क्षसग की पालना की जा रही है। राज्य सरकार व शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर कोरोना गाइड लाइन की पालना के आदेश जारी किए हैं, लेकिन इसकी पालन विद्यालयों में ना के बराबर हो रही है। स्कूलों में मास्क नहीं लगाया जा रहा है। जबकि राज्य सरकार ने नई गाइड लाइन जारी की है। सरकार की ओर से प्रार्थना सभाएं बंद कर दी, लेकिन बच्चों की सुरक्षा को लेकर नियमों की पालना सुनिश्चित नहीं की जा रही है।
विद्यालयों में भगवान भरोसे मासूम
सरकारी एवं निजी विद्यालयों में प्रबंधन की लापरवाही से शिक्षण को विद्यालय आ रहे मासूम भगवान भरोसे है। यहा अधिकतर विद्यार्थियों के चेहरों से मास्क नदारद है तो सोशल डिस्टेंस कोसों दूर दिखाई दे रहा है। इससे भी अधिक लापरवाही सरकारी कार्यालय, व्यापारिक प्रतिष्ठानों सहित बाजारों में देखने को मिल रही जहां सरकार की और जारी गाइडलाइन की खुले में धज्जियां उड़ाई जा रही है।