मध्य प्रदेश के सतना में ऑनलाइन क्लास के दौरान मोबाइल फटने से 8वीं का छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। बच्चे का एक हाथ और चेहरा ब्लास्ट के कारण चोटिल हो गया। परिजन उसे नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां से हालत गंभीर होने पर उसे जबलपुर मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया।
मुंह और नाक पर ब्लास्ट का सबसे ज्यादा असर
सतना के चंदकुइया गांव में एक निजी स्कूल में पढ़ने वाला 8वीं का छात्र रामप्रकाश भदौरिया (15) फोन पर ऑनलाइन क्लास अटैंड कर रहा था। तभी मोबाइल में तेज ब्लास्ट हो गया। इससे छात्र का मुंह और नाक लहूलुहान हो गए। उसके हाथ में भी चोट पहुंची। ब्लास्ट की आवाज सुनकर परिवार के लोग पहुंचे और घायल छात्र को लेकर नागौद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। प्राथमिक इलाज के बाद उसे सतना जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
जिला अस्पताल में भी छात्र की हालत में ज्यादा सुधार नहीं हुआ। गंभीर हालत को देखते हुए उसे जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। डॉक्टर्स का कहना है कि छात्र का मुंह और नाक का हिस्सा पूरी तरह मोबाइल ब्लास्ट की चपेट में आ गया था।
परिवार ने कहा- जब पहुंचे तो खून से सना था चेहरा
घायल छात्र के परिजनों का कहना है कि रामप्रकाश दूसरे कमरे में बैठकर मोबाइल से पढ़ रहा था। तभी अचानक उसके कमरे से जोरदार धमाके की आवाज आई। आवाज सुनकर हम डर गए और उसके कमरे की तरफ दौड़े। जहां उसके चेहरे से खून निकल रहा था। हम तुरंत उसे स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए। अब उसे जबलपुर ले जा रहे हैं।
मोबाइल फोन में धमाके का यह पहला केस नहीं है। ज्यादातर केसेज में मोबाइल फोन फटने की वजह बैटरी होती है। जानिए, ऐसा क्यों होता है, इससे कैसे बचा जा सकता है….
बैटरी फटने की वजह
फोन के गिरने या दूसरी वजहों से बैटरी डैमेज हो जाती है। बैटरी कई सारे सेल्स को जोड़कर बनी होती है। पुराना होने पर सेल्स के बीच की लेयर टूट जाती है और बैटरी फूल जाती है। इससे शॉर्ट-सर्किट होकर बैटरी में ब्लास्ट का डर बना रहता है। बैटरी का गर्म होना भी ब्लास्ट की एक वजह है। बैटरी ज्यादा गर्म है तो समझ लीजिए कि इसके फटने के चांस बहुत ज्यादा है। बैटरी के टेम्परेचर बढ़ने को थर्मल रनअवे कहा जाता है।
जानिए, क्या होता है थर्मल रनअवे
बैटरी के लगातार टेम्परेचर बढ़ने (यानी गर्म होने) की प्रोसे को थर्मल रनअवे कहा जाता है। ऐसा तब होता है, जब बैटरी का कोई हिस्सा किसी वजह से बहुत ज्यादा गर्म हो जाए और जल्दी ठंडा ना हो पाए। अच्छी कंपनी की बैटरी-मोबाइल फोन में इस तरह की प्रॉब्लम्स को कंट्रोल करने के इंतजाम होते हैं। सस्ते फोन्स-बैटरी बढ़े तापमान को नहीं झेल पाते। इसके साथ ही मोबाइल प्रॉसेसर भी फोन के फटने में थोड़ा रोल अदा करता है। प्रोसेसर बैटरी के पास ही लगा होता है।
प्रोसेसर भी एक वजह
फोन पर ज्यादा लोड पड़ने से प्रोसेसर गर्म होकर बैटरी को भी गर्म कर देता है। अच्छी कंपनीज के मोबाइल में हाई-एंड चिप पर हीट सिंक लगी होती है। यह सिंक गर्मी को बैटरीसे दूर रखता है। फोन जल्दी ठंडा कर देता है। जिन फोन में हीट सिंक नहीं होता, उनमें आग लगने खतरा रहता है।
फोन को फटने से ऐसे बचाएं?
- अच्छी क्वालिटी के फ़ोन, बैटरी और चार्जर ही इस्तेमाल कीजिए।
- फोन पर लगातार 2-3 घंटे बात नहीं करें। इमरजेंसी ही है तो ईयरफोन का इस्तेमाल करें।
- गर्मी के मौसम में कभी भी बंद कार के अंदर फोन मत छोड़िए।
- चार्जिंग पर लगाकर फोन का इस्तेमाल कतई न करें।
- बैटरी अगर फूल गई है तो उसे फौरन ही बदलवा लें।