बीकानेर। मिठाई और नमकीन में ख्यातनाम बीकानेर में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। यहां के कई जनों ने अनेक क्षेत्रों में जिले का नाम राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। बात चाहे संगीत की करें या राजनीति की। खेल की हो या व्यवसाय की। हर क्षेत्र में मरूनगरी के लाल ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इनमें एक युवा गौतम बिस्सा भी है। जिसने हाल ही में संतोष ट्राफी के नॉर्थ जोन प्रतियोगिता में अपने खेल कौशल स राजस्थान टीम चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाई। जिसके आधार पर गौतम का चयन राष्ट्रीय टीम में हुआ है। ऑल इंडिया स्तर पर आयोजित होने वाली संतोष ट्राफी में भारत की 10 सर्वेश्रेष्ठ टीमों के खिलाडिय़ों के साथ बीकानेर का गौतम अपना दमखम दिखाएंगे।
36 सालों बाद राजस्थान क्वालिफाई
गौर करने वाली बात तो यह है कि संतोष ट्राफी के नॉर्थ जोन की मेजबानी का राजस्थान को 60 वर्षों बाद मौका मिला और इस मौके को भुनाते हुए राजस्थान ने फाइनल मुकाबला जीतकर इतिहास रचा। इस जीत के साथ 36 वर्षों बाद राजस्थान राष्ट्रीय स्तर की फुटबाल प्रतियोगिता में क्वालीफाई हुआ है। प्रदेश की इस टीम में बीकानेर का गौतम बिस्सा भी शामिल है।
अपने दादा को दिया श्रेय
भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान रहे मगन सिंह राजवी को अपने आदर्श मानने वाले गौतम बिस्सा अपने इस प्रदर्शन के लिये अपने दादा पूर्व फु टबाल खिलाड़ी बल्लभ बिस्सा को अपना प्रेरणा स्त्रोत मानते है। गौतम बताते है कि अपने दादा के खेल कौशल को देखकर ही उसने इस खेल को चुना। उनकी देखरेख में बचपन में फुटबाल की बारिकियां सीखी। यहीं नहीं उनके गुरू शंकर बोहरा के अथक प्रयासों से वे आज मुकाम को हासिल करने में कामयाब हुए है। गौतम के शुभचितंक कहते है कि मगन सिंह राजवी,भरत पुरोहित जैसे खिलाडिय़ों के बाद गौतम का संतोष ट्राफी में खेलना बीकानेर के लिये गौरव की बात है।