बीकानेर : हिमांशी के कारण दो बच्चियों के चेहरे पर आयी मुस्कान, हिमांशी है सीएम गहलोत की पुत्रवधु

बीकानेर। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझना अपने आप में एक बड़ी लड़ाई है। कैंसर के इलाज में दी जाने वाली थैरेपी से अक्सर कैंसर पीड़ित मरीजों के बाल झड़ जाते हैं। कैंसर के इलाज के दौरान आमतौर पर मरीजों को कीमोथेरेपी के जरिए इलाज उपलब्ध कराया जाता है और आमतौर पर कीमोथेरेपी के कारण कैंसर का इलाज करा रहे मरीज के सिर के बाल झड़ जाते हैं और मरीज को अपने खूबसूरत बाल खोने का दर्द काफी तकलीफ तेज होता है। राजस्थान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष वैभव गहलोत की धर्मपत्नी हिमांशी गहलोत ने कैंसर पीड़ित दो बच्चियों के क्रत्रिम बाल (विग) लगाकर उनकी सुंदरता व मनोबल को बढ़ाने का काम किया। यह कार्यक्रम आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेंटर में रखा गया। हिमांशी गहलोत राजस्थान फर्स्ट हेयर विग डोनेशन इवेंट हेल्पिंग हैंड सोसायटी नामक एनजीओ के तहत कार्य कर रही है। इस कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मुकेश आर्य, अधीक्षक डॉ. गुंजन सोनी सहित कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टरों के समूह की उपस्तिथि में बच्चियों का हौसला अफजाई कर उनके ठीक होने का भरोसा दिलाया। हिमांशी ने सर्वप्रथम ये विग डोनेसन जोधपुर से शुरू कर अब तक 12 से अधिक विग जरूरतमंद बच्चों को लगा कर हौसला बुलंद करने का कार्य कर रही है। हिमांशी गहलोत के ससुर राजस्थान के मुखयमंत्री अशोक गहलोत है।

क्या कहना है इन्वेंटिव हेल्पिंग हैंड सोसाइटी की डायरेक्टर का
सामाजिक संस्थान इन्वेंटिव हेल्पिंग हैंड सोसाइटी की डायरेक्टर हिमांशी गहलोत ने बताया कि कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए उनकी संस्थान बाल डोनेट करवाती है और इन बच्चों के लिए उनकी संस्थान की ओर से विग तैयार किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि कैंसर इलाज के दौरान खासकर महिलाओं और बच्चियों को अपने बाल खोने का दर्द काफी ज्यादा होता है क्योंकि कीमोथेरेपी के कारण आमतौर पर सिर के बाल झड़ना एक सामान्य प्रक्रिया है। ऐसे में हमारे संस्थान का प्रयास है कि इन मरीजों के दर्द को थोड़ा कम किया जा सके।

कोई भी डोनेट कर सकता है अपने बाल
इस संस्था द्वारा तैयार किए गए विग निशुल्क कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए उपलब्ध करवाए हैं लेकिन इसमें उन मरीजों को ही शामिल किया जाता है, जो बीपीएल श्रेणी से आते हैं क्योंकि डोनेट किए गए बालों से विग तैयार करना काफी महंगा होता है तो ऐसे में उनके सामाजिक संस्थान की ओर से इसे निशुल्क रखा गया है। उन्होंने बताया कि डोनेट किए गए बालों को सुरक्षित रखना जरूरी होता है। ऐसे में जिन लोगों द्वारा बाल डोनेट किए गए हैं, उन्हें पहले ही निर्देश दिए जाते हैं। वही डोनेट किए गए बालों से विग दक्षिणी भारत में तैयार करवाये जाते हैं हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि इस डोनेशन के लिए कोई एज लिमिट नहीं होती और किसी भी उम्र का व्यक्ति अपने बाल डोनेट कर सकते हैं।

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