जयपुर। प्रतापगढ़ जिला कोविड वैक्सीनेशन में नबर 1 बन गया है। राज्य स्तर से जारी ताजा रिपोर्ट में प्रतापगढ़ ने 33 जिलों में वैक्सीनेशन के मामले में सभी जिलों को पीछे छोड़ दिया है। रिपोर्ट के अनुसार प्रतापगढ़ जिले के 91.2 फीसदी लोगों ने प्रथम डोज व 48.6 प्रतिशत लोगों ने दूसरी डोज लगवा ली है। वहीं दूसरे स्थान पर सीकर व तीसरे पायदान पर हनुमानगढ़ जिला है। गौरतलब है कि पिछले 10 दिनों से प्रतापगढ़ जिला राज्य स्तर पर आठवें स्थान पर चल रहा था लेकिन पांच दिवस के वैक्सीनेशन महाभियान में जिले ने प्रथम स्थान पर आ खड़ा हुआ है।
वैक्सीनेशन को लेकर लोगों को भ्रम था, भ्रांतियां ऎसी थी कि लोग टीके लगवाने के लिए केंद्रों तक नहीं आ रहे थे। आदिबाहुल्य क्षेत्र होने के कारण भौगोलिक परिस्थितयां भी विकट हैं। अधिकतर जनसंख्या बिखरी है, लोग जंगलोें और पहाड़ों पर रहते है। कई स्थानो ंपर मोबाइल के नेटवर्क भी काम नहीं करते है। ऎसे में लोगों में टीकों के प्रति रूझान भी कम एक समस्या थी।
यूं पाई सफलताः- प्रतापगढ़ जिला कलक्टर श्री प्रकाश चंद्र शर्मा ने चार्ज संभालते ही मामले की गंभीरता को समझा। उन्होंने सीएमएचओ डॉ वीडी मीना के साथ ही चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक की। प्रशासन ने अपने खण्ड स्तरीय अधिकारियों को चिकित्सा विभाग की टीम को हर संभव मदद करने के आदेश पारित किया। खण्ड स्तर पर चिकित्सा विभाग की टीमों को वैक्सीनेशन महाभियान के लिए तैयार किया और उन्हें पूर्ण लगन से कार्य करने को प्रोत्साहित किया। इसके बाद जिला कलक्टर के विशेष प्रयास से करीबन 1 लाख वैक्सीन जिला वैक्सीन भण्डार को उपलब्ध करवाया गया।
रणनीति के अनुसार माइग्रेट करने वाले खास सेक्टर को चिन्हित कर दिन और रात के हिसाब से टीमों द्वारा स्पॉट वैक्सीनेशन शेड्यूल फॉलो किया। वहीं खण्ड स्तर पर ऑनलाइन कोविड एप में एंट्री के लिए प्रतिदिन का टॉरगेट टीमों को दिया गया। हर घंटे वैक्सीनेशन प्रतिशत को जांचा गया। हर घंटे में सीएमएचओ ऑफिस द्वारा वीडियो और डेटा शेयर कर वैक्सीनेशन के लिए टीमों का उत्साह बढ़ाया गया। फलस्वरूप टीमो ंने इस महाभियान के लिए दिन रात की फीक्र को छोड़कर घर घर और खेत खेत जाकर वैक्सीन लगाई। नतीजा पांच दिन में वैक्सीनेशन का ग्राफ बढ़ गया। प्रतिदिन कार्यक्रम की मॉनिटरिंग मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी स्तर पर की गई।
687 डोज प्रति घंटे लगाकर बना नंबर वन
कोविड एप से डेटा का विश्लेषण करने से पता चला कि चिकित्सा विभाग की टीम ने हर घंटे 687 डोज लगायी। पांच दिन के महाभियान में टीमें ने 85 हजार से ज्यादा की डोज लगाई गई।