जयपुर। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढऩे से देशभर में पेट्रोल-डीजल के दाम और बढ़ गए हैं। भारतीय तेल कंपनियों ने लगातार चौथे दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा किया है। रविवार को जयपुर में डीजल की कीमत में 33 पैसे और पेट्रोल की कीमत में 26 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है। इसके बाद जयपुर में एक लीटर पेट्रोल 109 रुपए 40 पैसे, जबकि डीजल 100 रुपए 10 पैसे प्रति लीटर की कीमत पर पहुंच गया है। जो इतिहास में अब तक का सबसे अधिक है।
कच्चे तेल के महंगे होने से बढ़ रहे दाम
दुनियाभर में क्रूड ऑइल के दाम एक बार फिर बढऩे लगे हैं। इसी का नतीजा है कि कच्चे तेल का बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 78 डॉलर प्रति बैरल के लेवल को पार कर गए हैं। कच्चा तेल 3 साल के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया है। इससे पहले सितंबर 2018 में ये 80 डॉलर पर पहुंचा था। ऐसे में कच्चे तेल के दाम बढऩे से आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम और बढ़ सकते हैं।
केंद्र और राज्य सरकारें वसूलती हैं भारी टैक्स
पेट्रोल की कीमतों में 60 फीसदी हिस्सा सेंट्रल एक्साइज और राज्यों के टैक्स का होता है। जबकि डीजल में ये 54 फीसदी होता है। पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 32 रुपए 90 पैसे प्रति लीटर है। जबकि डीजल पर 31 रुपए 80 पैसे प्रति लीटर है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आमतौर पर रोज बदलाव होता है। ये कीमतें बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय क्रूड कीमतों और फॉरेन एक्सचेंज रेट के आधार पर तय होती हैं।
क्यों बढ़ रही हैं कीमतें?
पिछले साल अप्रैल में कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर में इकोनॉमिक गतिविधियां ठप्प पड़ गई थी। इस वजह से कच्चे तेल की मांग में गिरावट आई थी। लेकिन इस साल वैक्सीनेशन की दर बढऩे और कोरोना गाइडलाइंस में छूट मिलने के बाद दुनियाभर में कच्चे तेल की मांग बढ़ी है।
हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त का एकमात्र कारण इकोनॉमिक रिकवरी ही नहीं है। पिछले महीने इडा तूफान की वजह से अमेरिका में तेल की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हुई। कोरोना की पहली लहर के बाद कीमतों में गिरावट आई थी। इसके बाद ओपेक प्लस, रूस और सऊदी अरब के तेल संगठनों ने सप्लाई में कमी कर दी थी।