बीकानेर। अपर जिला न्यायालय सं या 1 द्वारा खुशालचन्द व्यास के विरूद्ध किया गया मानहानि का मुकदमा समाप्त करने आदेश जारी किये। जानकारी के अनुसार आनन्द आचार्य ने खुशालचन्द व्यास खिलाफ दावा कर कहा कि उसने अलग अलग तारीखों पर जारी अपने अखबार में उसके बारे विभिन्न प्रकार से मिथ्या व गलत तथ्यों को छापा है जिससे उसकी मानहानि हुई तथा उसे अपने समाज में में बेइज्जती हुई तथा उस मानहानि की कीमत 1 लाख है जिसे वह खुशालचन्द व्यास के प्राप्त करने अधिकारी है। खुशालचन्द व्यास ने अपनेे अखबार छापे सभी तथ्यों सही बताते हुए किसी प्रकार से मानहानि तथा उसकी कीमत 1 लाख रूपये होने इंकार किया। 22 साल से चले दावा में गवाह पूरी होने से पहले ही वादी आनन्द आचार्य मृत्यु हो गई। इसी आधार पर एडवोकेट बसन्त आचार्य ने एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर न्यायालय को बताया कि जब मानहानि का दावा करने वाले आनन्द आचार्य की मृत्यु हो चुकी है, ऐसी स्थिति में चलने योग्य नहीं है। जिसे स्वीकार करते हुए अपर जिला न्यायालय के न्यायाधीश मिनाक्षी जैन ने आदेश किया कि जब दावाकर्ता की मृत्यु हो चुकी है, इसलिए दावा का उपशपन होने से दावा चलने योग्य नहीं है।