बीकानेर संकल्प नाट्य समिति द्वारा आज दिनांक 05.09.2021 को सांय 7 बजे स्थानीय टाऊन हॉल में नाटक ‘‘भूरिया लटूरिया’’ का मंचन किया गया। इस नाटक ने अपने हास्य एवं व्यंग्य के माध्यम से दर्शकों के मस्तिष्क पर औरतों के अंर्तमन में उठ रहे द्वंद्वों पर एक सवालिया निशान छोड़ा, आखिर क्यों औरत के प्यार और सर्मपण को इतना सम्मान इस समाज में नहीं दिया जाता है। राजस्थानी भाषा के इस मूल नाटक ‘‘भूरिया लटूरिया’’ में मुख्य रूप से सांवरी, भूरिया लटूरिया के ईर्द गिर्द घुमता हुआ ये दिखाया गया है कि विवाह करके बच्चे पैदा करना और फिर उन्हें उन्हीं के हाल पर छोड़ देना समाज के प्रति गैर-जिम्मेदाराना रवैये की ओर इंगित करता है। इस नाटक के रोचक और रोमांचक घटनाक्रम के आगे बढ़ने के साथ-साथ हास्य और व्यंग्य के माध्यम से अंदर-अंदर ही दर्शकों के मन को कचोटता है और एक सवाल पैदा करता है कि आखिर ऐसी संतान क्यों पैदा की जाये ?
बीकानेर की रंग मंचीय गतिविधयों पर कोरोना काल के कारण अभी ग्रहण ही लगा हुआ है फिर भी बीकानेर के रंगकर्मियों, रचनाधर्मियों एवं दर्शको ने इस नाटक के प्रदर्शन को लेकर काफी उत्साह और खुशी देखने को मिली। इस नाटक को देखने के लिए बीकानेर के रंगदर्शकों के साथ ही बीकानेर के वरिष्ठ रंगकर्मियों के साथ-साथ कई युवा रंगकर्मियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी।
नाटक ‘‘भूरिया लटूरिया’’ का लेखन हरीश बी. शर्मा और निर्देशन बीकानेर की वरिष्ठ रंगनेत्री एवं रंगनिर्देशिका मंजूलता रांकावत ने किया है। इस नाटक में भूरिया के किरदार में भरत राजपुरोहित, लटूरिया-आमिर हुसैन, सांवरी-पूजा आचार्य, जेठमल काका-नीतीश रावत, नेता-के.के रंगा, सूत्रधार-अविक गोस्वामी, किशन-उदयवीर सिंह आदि ने अभिनय से दर्शकों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। नाटक ‘‘भूरिया लटूरिया’’ के मंच पार्श्व में प्रकाश प्रभाव-गौरव पारीक, संगीत प्रभाव-विकास सोनी, मंच सज्जा-राहुल चावला, मंच व्यवस्था-काननाथ गोदारा एवं दीपांशु पाण्डे, रूप सज्जा-वसीम राजा, प्रोपर्टी व्यवस्था-प्रशान्त स्वामी तथा इस नाटक के स्तम्भ एवं प्रस्तुति प्रभारी संकल्प नाट्य समिति, बीकानेर के श्री अभिषेक आनन्द आचार्य आदि ने इस प्रस्तुति को महत्वपूर्ण और प्रभावशाली बनाने में अपना अमूल्य योगदान दिया।