बीकानेर। देश में कोरोना कहर बरपा रहा है। हर रोज कोरोना का आकड़ा बढ़ता जा रहा है, मगर बीकानेर के छोटे अस्पताल और डिस्पेंसरियां तो खुद ही बीमार पड़ी है। बीकानेर की डिस्पेंसरी नं 2 के भी हाल कुछ इस तरह ही नजर आये। देवेंद्र वाणी न्यूज़ ने शहर की डिस्पेंसरी का दौराकर हाल जाना तो चौंकाने वाली स्थिति सामने आई। सुबह 8 से 2 बजे तक डिस्पेंसरियां खुलती हैं, मगर इन 6 घंटे में भी हालात अच्छे नहीं मिले। डिस्पेंसरी में हाल दो डॉक्टर है जिनमे एक डॉ दिनेश बिनावरा व डॉ अनंत गोयल है जब पत्रकार ने दौरा किया तब डॉ अनंत गोयल तो छुट्टी पर बताया गया तो वहीं डॉ दिनेश बिनावरा सुबह 10 बजे तक उपस्थित नहीं थे नर्सिंग कर्मचारी ही पर्ची पर दवाइया लिखते मिले। सबसे बड़ी बात ये है कि नर्सिंग कर्मचारी मास्क मुँह से नीचे रखते है और दवाइयां लिखते है जब पत्रकार पहुंचे तो मास्क मुँह पर सही करने लगे। डिस्पेंसरी में मरीजों की कतार नजर आई। जब मरीजों से बात कि तो पता चला कि डॉ बिनावरा का समय पर नहीं आना यह रोज की बात है व उनका व्यवहार भी मरीजों के साथ असंतोष जनक है। इस बीमार डिस्पेंसरी का इलाज आखिर कौन करेगा ?
रोज 200 से 250 की ओपीडी
पत्रकार ने जब डिस्पेंसरी के कर्मचारियों से बात की तो पता चला कि डिस्पेंसरी 2 में रोजाना 200-250 का ओपीडी 2 डॉक्टर के भरोसे है। डिस्पेंसरी में चतुर्थ श्रेणी, स्वीपर समेत कुल 28 से 30 कर्मचारी हैं।
नहीं है फार्मासिस्ट
पत्रकार ने जब दवा वितरण केंद्र का दौरा किया तो पता चला की दवा वितरण का काम भी फार्मासिस्ट की जगह डिस्पेंसरी के हेल्पलर ही करते नजर आये। जब कर्मचारी से बात की तो बताया की पिछली दीपावली से यहां फार्मासिस्ट नहीं है।
इनका कहना है
डिस्पेंसरी में फार्मासिस्ट के लिए सीएमएचओ को काफी बार पत्र लिख कर सूचित किया गया है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। ओपीडी ज्यादा रहने के कारण दिक्कत तो रहती है, इसके लिए आगे सूचना भेज रखी है।
विकास मोहता पीएचएम, भुजिया बाजार, डिस्पेंसरी नं 2