bikaner / D.V. News / पूर्वी राजस्थान में इस बार मानसून में जमकर बारिश हुई है, लेकिन पश्चिमी राजस्थान के कई जिले अच्छी तरह भीग भी नहीं पाए हैं। इस वजह से आधा प्रदेश बाढ़ प्रभावित रहा, तो आधे में सूखे के हालात बन रहे हैं। पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर व बीकानेर संभाग में बेहद कम बारिश हुई है। वहीं कोटा सहित पूर्वी राजस्थान में मानसून मेहरबान रहा।
पूर्वी राजस्थान के कोटा में पिछले साल की तुलना में 100 परसेंट ज्यादा बारिश हुई है। वहीं पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर संभाग में करीब 35 प्रतिशत कम पानी गिरा। मौसम की इस बेरुखी का सीधा असर फसलों के उत्पादन पर पड़ेगा। प्रदेश में जरूरत से कम और जरूरत से ज्यादा बारिश की दोनों ही स्थितियां किसानों के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है।
इस बार मानसून की बारिश असामान्य रही। राज्य के 14 जिलों में जरूरत से अधिक बारिश हुई। जबकि पांच जिलों में पिछले साल से 80 प्रतिशत से ज्यादा बारिश हो चुकी है। वहीं 9 जिलों में 20 से 60 फीसदी ज्यादा पानी गिरा। राज्य के सिर्फ 9 जिलों में ही सामान्य बारिश हुई है। शेष 24 में से 10जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश से सूखे के हालात बन रहे हैं। अगले 10-15 दिनों में पश्चिमी राजस्थान में अच्छी बारिश नहीं हुई तो उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा।
पूर्वी राजस्थान में बारिश एक संकट
हर बार की तरह इस बार भी पश्चिम के बजाय पूर्वी राजस्थान में जमकर पानी गिरा। कोटा में तो इतनी बारिश हुई कि बाढ़ के हालात बन गए। कोटा संभाग में पिछले सालों की बारिश से इस बार 93 प्रतिशत ज्यादा पानी गिरा। राजस्थान की सर्वाधिक बारिश इस बार बारां में हुई है। यहां पिछले सालों की औसत बारिश 458.60 MM है, जबकि अब तक बारां में 984.36MM बारिश हो चुकी है। ये गत वर्ष की तुलना में 114 प्रतिशत अधिक है। संभाग मुख्यालय कोटा में आमतौर पर 9 अगस्त तक 422MM बारिश हो जाती है, जबकि इस बार 866.56 MM बारिश हो चुकी है। अभी भी बादलों का डेरा कोटा संभाग से हटा नहीं है। इसी संभाग के बूंदी में 89.90 प्रतिशत और झालावाड़ में 66.5 प्रतिशत बारिश ज्यादा हो चुकी है। संभाग में जरूरत से ज्यादा बारिश ने खेत में खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। खासकर बारां और कोटा में खड़ी फसल बर्बादी के कगार पर है। कोटा के अलावा जयपुर में 16.8 परसेंट, अजमेर में 20.5 परसेंट, भरतपुर में 42.4 प्रतिशत बारिश अधिक हुई है।
पश्चिमी राजस्थान को बारिश का इंतजार
पश्चिमी राजस्थान में सूखे जैसे हालात बन सकते हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जोधपुर संभाग है, जहां अब तक 35.8 प्रतिशत बारिश कम हुई है। संभाग के जैसलमेर में जमकर बारिश हुई है, जबकि शेष सभी जिलों बाड़मेर, पाली, जालौर व सिरोही में गत वर्ष की तुलना में 19 से 44 प्रतिशत तक कम पानी गिरा। यहां फसलें चौपट होने के कगार पर है। जोधपुर के अलावा बीकानेर संभाग में भी उम्मीद से कम बारिश है। यहां बीकानेर में महज दो प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई, जबकि चूरू में यह 26 प्रतिशत अधिक है। इसके विपरीत श्रीगंगानगर में 44 और 11 प्रतिशत बारिश कम हुई है। गंगानगर व हनुमानगढ़ दोनों नहरी एरिया है, जहां इस बार नहर से भी पानी कम मिल रहा है।
राजधानी तर, संभाग के किसान खुश
जयपुर में इस बार 16 प्रतिशत ज्यादा बारिश ने जयपुर के साथ अलवर, दौसा, सीकर का बेड़ा पार कर दिया है। पश्चिमी राजस्थान के झुंझुनूं में बारिश का आंकड़ा माइनस में चल रहा है। जयपुर आमतौर पर 9 अगस्त तक 301 MM बारिश होती है, लेकिन इस बार ये आंकड़ा 397 MM तक पहुंच गया। वहीं अलवर में 16.7 परसेंट, दौसा में 29.3, सीकर में 16 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। हालांकि मौसम विभाग सामान्य से 19 प्रतिशत कम या ज्यादा बारिश को सामान्य बारिश की श्रेणी में ही रखता है।
इन संभागों में भी अच्छी बारिश
भरतपुर संभाग में आमतौर पर 9 अगस्त तक 337.40 MM बारिश होती है जो इस बार 481.39 MM बारिश हो चुकी है। ये पिछले सालों की तुलना में 42 प्रतिशत अधिक है। जयपुर से सटे हुए जिले सवाई माधोपुर में सबसे ज्यादा बारिश हुई है, जबकि भरतपुर, धौलपुर, करौली में भी पिछले सालों की तुलना में अधिक बारिश हुई। यहां भी कुछ हिस्सों में अति बारिश से किसान परेशान है।
अजमेर में सामान्य बारिश, किसान खुश
अजमेर में पिछले सालों की तुलना में अधिक बारिश हुई, लेकिन इतनी ज्यादा भी नहीं कि फसल बर्बाद हो। कुछ हिस्सों को छोड़ दें तो सब जगह अच्छी बारिश से किसान की फसल तैयार हो रही है। संभाग के अजमेर में 22.3 परसेंट, नागौर में 10.4 परसेंट और टोंक में 56.1 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। सिर्फ भीलवाड़ा में 8.6 प्रतिशत कम पानी गिरा।
उदयपुर में पिछले सालों से कम गिरा पानी
उदयपुर में आमतौर पर 401.37 MM बारिश होती है जो इस बार 358.60 MM हो सकी है। संभाग के बांसवाड़ा में -19.3 प्रतिशत बारिश हुई है। डूंगरपुर में भी सामान्य से 36 प्रतिशत कम वर्षा ने किसान को चिंता में डाल दिया है। इसी तरह राजसमंद में 21 प्रतिशत बारिश कम हुई है। झीलों की नगरी में ही 34.5 प्रतिशत कम बारिश के बाद भी मौसम सुहाना है और हरियाली हर तरफ नजर आ रही है। संभाग के प्रतापगढ़ में 29.5 और चित्तौड़गढ़ में बारिश सामान्य से 2.5