जयपुर। प्रदेश में देर रात 15 आईपीएस अफसरों के तबादलों के बाद अब गहलोत सरकार तकरीबन डेढ़ दर्जन आईएएस अफसरों के तबादला करने की तैयारी में है। तबादला सूची को लेकर सरकार में उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि इस सप्ताह में कभी भी तबादला सूची जारी हो सकती है।
बताया जाता है कि जिन आईएएस अफसरों की तबादला सूची जारी होने वाली है उनमें आधा दर्जन जिलों के कलेक्टर भी हैं । इन कलेक्टर्स की कार्यप्रणाली को लेकर गहलोत सरकार के कई मंत्री और विधायक सवाल खड़े कर चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि तकरीबन आधा दर्जन जिला कलेक्टर्स की छुट्टी तय है। सूत्रों की माने तो जयपुर, बूंदी, झुंझुनू, प्रतापगढ़ और जैसलमेर के जिला कलेक्टर्स को बदला जा सकता है।
खाचरियावास के निशाने पर जयपुर कलेक्टर
वहीं परिवहन मंत्री और जयपुर के सिविल लाइंस से कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान ही जयपुर कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए थे। खाचरियावास का कहना था कि पूरे कोरोना काल में कलेक्टर अपने चेंबर से ही बाहर ही नहीं निकले, इसे लेकर खाचरियावास ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी।
तो वहीं जैसलमेर कलेक्टर आशीष मोदी भी कैबिनेट मंत्री साले मोहम्मद के निशाने पर हैं। झुंझुनूं कलेक्टर यूड़ी खान को लेकर भी कांग्रेस नेताओं में नाराजगी बढ़ी हुई है। वहीं बारां कलेक्टर राजेंद्र विजय की कार्यप्रणाली को लेकर वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने मोर्चा खोल रखा है। प्रतापगढ़ और बूंदी कलेक्टर को लेकर भी कांग्रेस के स्थानीय जनप्रतिनिधियों में गहरी नाराजगी है।
जनप्रतिनिधियों-नौकरशाहों के बीच नहीं बैठती पटरी
दरअसल कई बार ऐसा देखने को मिलता है जब नौकरशाहों-जनप्रतिनिधियों के बीच ही कई बार पटरी नहीं बैठ पाती है। कई बार जनप्रतिनिधि नौकरशाहों पर उनके काम नहीं करने और वह तवज्जो नहीं देने के आरोप लगा चुके हैं। हाल ही में बाड़मेर के गुडामालानी से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी ने भी जिला कलेक्टर पर उनकी सुनवाई नहीं करने के आरोप लगाए थे।
आईपीएस अफसर भी थे जनप्रतिनिधियों के निशाने पर
वहींं दूसरी ओर देर रात तबादला किए गए कई आईपीएस अफसर भी जनप्रतिनिधियों के निशाने पर थे। नागौर एसपी श्वेता धनकड़ के खिलाफ नागौर सांसद और रालोपा प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने मोर्चा खोल रखा था। हनुमान बेनीवाल ने डीजीपी से लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक से शिकायत की थी।
इसके अलावा सिरोही एसपी हिम्मत अभिलाष भी निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के निशाने पर थे तो वहीं भरतपुर सांसद रंजीता कोली पर हुए हमले के बाद से भरतपुर एसपी देवेंद्र सिंह को लेकर मंत्री सुभाष गर्ग सहित कई नेताओं के निशाने पर चल रहे थे।