जयपुर। कोरोना की दूसरी लहर ने पुरे देश में हाहाकार मचा रखा है वहीं राज्य सरकार कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी सेवाओं को छोड़ सबकुछ बंद करने की बात कर रही है। लेकिन अब सरकार ने शराब दुकानों को भी शायद जरूरी सेवाओं में शामिल कर लिया है। यही वजह है कि कफ्र्यू के बीच प्रदेशभर में सोमवार को शराब दुकानें खोल दी गई।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार देर रात ही चिकित्सकों व मंत्रि परिषद के सदस्यों से सलाह मशविरा कर 3 मई तक कफ्र्यू लगाने का एलान किया था। लेकिन दो दिन के वीकेंड कफ्र्यू के बाद सोमवार से लागू किया गया कफ्र्यू पूरी तरह फ्लाॉप रहा। जरूरी सेवाओं के साथ शराब दुकानों को भी खोला गया तो दिनभर लोगों में यही चर्चा रही कि ऐसे तो कैसे कोरोना संक्रमण की चेन टूटेगी।

शराब दुकान खुलते ही शौकीनों की कतारें लग गई, जो शाम तक रहीं। जन आनुशासन पखवाड़े के तहत लगाए गए कफ्र्यू में वित्त विभाग को खुला रखने की छूट दी गई। इसकी आड़ में वित्त विभाग से जुड़े आबकारी विभाग को खोलते हुए शराब दुकानें भी खुलवा दीं।

ये कैसा जन अनुशासन पखवाड़ा, जिसमें पिलाएंगे शराब : पूनम

वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर मनाए जा रहे जन अनुशासन पखवाड़ा में शराब दुकानें खोले जाने का सम्पूर्ण शराब बंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम अंकुर छाबड़ा ने विरोध किया है। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि 3 मई तक कफ्र्यू लगाकर जन अनुशासन पखवाड़ा मनाए जाने का नाम दिया है। लेकिन बड़े दु:ख की बात है कि राज्य सरकार शराब कारोबार और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री को बढ़ावा दे रही है। इससे साफ है कि जनता से ज्यादा चिंता सरकार को शराब ठेकेदार और अपने राजस्व की है। उन्होंने सरकार को चेताया है कि यदि शराब दुकानों को तत्काल बंद नहीं कराया गया तो जस्टिस फॉर छाबड़ा संगठन प्रदेशभर में इसका विरोध करेगा।