बीकानेर। राज्यभर में कोरोना की खतरनाक दूसरी लहर के बाद शिक्षा विभाग ने अपने शिक्षकों को हर संभव सहयोग करने के लिए अलर्ट मोड पर खड़ा कर दिया है। राज्यभर में करीब साढ़े चार लाख शिक्षक है जो कोरोना के खिलाफ युद्ध में नजर आयेंगे। दरअसल, शिक्षा निदेशालय ने सोमवार को सख्त निर्देश दिए हैं कि वो मुख्यालय पर रहें और कोरोना से जुड़े किसी भी दायित्व का जिम्मेदारी से निर्वहन करें।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने बताया कि जिन शिक्षकों के पास काेरोना से जुड़ा कोई भी दायित्व नहीं है, वो मुख्यालय पर रहते हुए वर्क फ्राम होम करेंगे। इस दौरान शिक्षकों को बच्चों के साथ कनेक्ट रहना होगा। स्माइल-1 और स्माइल-2 के तहत बच्चों के साथ काम करेंगे। E-कक्षा के नाम से बने सोशल मीडिया चैनल से भी बच्चों को जोड़ने का प्रयास करेंगे। कोविड 19 के लिए गठित निगरानी समिति में संस्था प्रधान अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर काम करेंगे। उन्हें वर्क फ्राम होम की अनुमति नहीं दी गई है।
मुख्यालय पर क्यों?
वैसे तो हर कर्मचारी को अपने मुख्यालय पर ही रहना होता है लेकिन छुट्टी होने पर कार्मिक अपने गांव या शहर चला जाता है। कोरोना की पहली लहर में जिला प्रशासन ने जब शिक्षकों की ड्यटी लगाई तो पता चला कि अधिकांश शिक्षक मुख्यालय पर ही नहीं है। ऐसे में इस बार पहले से निर्देश जारी किए गए हैं कि शिक्षक मुख्यालय पर ही रहेंगे। निदेशक ने आदेश दिया है कि सभी शिक्षक अपने मोबाइल को ऑन रखेंगे। उन्हें कभी भी कॉल किया जा सकता है। इसीलिए मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं होगी।
प्रशासन के संपर्क में
सभी शिक्षा विभाग के सभी मंडल, जिला व ब्लॉक स्तर के कार्यालय प्रभारियों को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय रखना होगा। जिला कलक्टर इन्हीं अधिकारियों को शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के निर्देश देंगे। ऐसे में शिक्षकों को मुख्यालय पर रखने की जिम्मेदारी भी इन्हीं अधिकारियों की होगी।