(प्राणीशास्त्र विभाग की रही महती भूमिका)
बीकानेर। सम्भाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर महाविद्यालय में सोमवार को विश्व जल दिवस मनाया गया। प्राचार्य डाॅ. जी.पी.सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों में इस दिवस के माध्यम से जल संरक्षण के प्रति जागरूकता अभियान चलाया गया है। प्राणीशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित ने बताया कि बीकानेर के समीप स्थित दरबारी ग्राम में डाॅ. लीना शरण, डाॅ. नरेन्द्र सिंह राठौड़, डाॅ. हरभजन कौर एवं डाॅ. योगेन्द्र सिंह के नेतृत्व में 25 सदस्यीय दल ने पानी में पाये जाने वाले सूक्ष्म जन्तुओं एवं दरबारी में पाये जाने वाले पक्षियों को अध्ययन किया। दल की प्रभारी डाॅ. लीना शरण ने बताया कि दरबारी तालाब में पाये जाने वाले अति महत्वपूर्ण जन्तु प्लवक जैसे डेफ्निया एवं साइक्लोप्स तथा जलीय पादप जैसे हाड्रिला आदि का संग्रहण एंव अध्ययन किया।
डाॅ. नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि दरबारी ग्राम में किंग फिशर पक्षी, वेबलर, क्रो फीेजेन्ट तथा कोरमोरेन्ट, कूट एवं टील आदि पक्षियों का प्राकृतिक आवास में अध्ययन किया। इस अवसर पर प्राणीशास्त्र के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को जल संरक्षण की नवीनतक तकनीक से अवगत कराया गया। डाॅ. राठौड़ ने बताया कि दरबारी ग्राम में पायी जाने वाली अत्यधिक वनस्पति की वजह से यहां स्थित तालाब को एक अति महत्वपूर्ण वेटलेण्ड के रूप में विकसित किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि इस तालाब में केवल बारिश का ही पानी एकत्रित होता है। भ्रमण के दौरान डाॅ. योगेन्द्र सिंह ने पानी के विभिन्न प्रकार के नमूने लेकर प्रायोगिक कार्य के बारे में विद्यार्थियों का अवगत कराया गया। सैची डिस्क के माध्यम से तालाब की गहराई मापने की तकनीक के बारे में विस्तार से बताया गया। इस अवसर पर भ्रमण दल के विद्यार्थियों पृथ्वी सिंह राठौड़, शीतल, अकिल नवाज, नवीन सोनी तथा मनीषा आदि ने इस प्रकार के कार्यक्रम निरंतर किये जाने की अपील की।
सोमवार को ही डाॅ. आनन्द खत्री ने महाविद्यालय के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों से जल संरक्षण के हर सम्भव प्रयास करने का आह्वान किया।