जोधपुर। जोधपुर नगर निगम में महिला सफाई कर्मचारियों का किस तरह शोषण हो रहा है उसकी बानगी सोमवार को सामने आई। नगर निगम (उत्तर) में तैनात एक सफाई निरीक्षक एक विधवा सफाई कर्मचारी से अवकाश के बदले अस्मत ही मांग बैठा। महिला सफाईकर्मी का भाई बीमार था और वह अवकाश के लिए गिड़गिड़ा रही थी। लेकिन निरीक्षक का दिल नहीं पसीजा और वह अपनी मांग पर अड़ा रहा।
इस बीच महिला का बीमार भाई चल बसा। इसके बाद आज सुबह आक्रोशित महिला सफाई कर्मचारियों ने निरीक्षक की भदवासिया स्थित कार्यालय में जमकर धुनाई की। मामला तूल पकड़ता देख निगम अधिकारियों ने आरोपी सफाई निरीक्षक धर्मेन्द्र गहलोत को मौजूदा वार्ड-61 से हटा दिया है। यह वार्ड महापौर कुंती देवड़ा का है।
नगर निगम के भदवासिया स्थित कार्यालय से जुड़े वार्ड नंबर- 61 में काम करने वाली 27 साल की विधवा सफाई कर्मचारी का भाई गंभीर अवस्था में आईसीयू में भर्ती था। इस कारण वह एक दिन बिना सूचना दिए काम पर नहीं जा सकी। अगले दिन उसने फोन कर सफाई निरीक्षक धर्मेन्द्र गहलोत से छुट्टी मांगी। इस पर धर्मेद्र महिला से अपनी बात करता रहा। उसने महिला को प्रलोभन दिया कि वह उसे बीमार भाई के इलाज के लिए रुपए की कमी नहीं आने देगा। साथ ही अवकाश के बदले हाजरी भी लगा देगा। बस वह एक बार उसे हां बोल दे।
सिर्फ यही नहीं, आरोपी गहलोत का दो ऑडियो भी वायरल हो रहे हैं। इसमें वह महिला कर्मचारी से कह रहा है- ‘मैं तेरे को पसंद करता हूं, तू करती है या नहीं, मेरे साथ रिलेशन रखना है या नहीं।’ वहीं, एक अन्य ऑडियो में वह महिला से कह रहा है कि- ‘मेरा एक प्रस्ताव है, हां है या न।’ लेकिन महिला बार-बार कहती रही कि उसका भाई बहुत बीमार है और वह फिलहाल कोई बात करने की स्थिति में नहीं है। लेकिन धर्मेन्द्र अपनी बात पर अड़ा रहा। इसके बाद महिला ने कहा कि वह उसकी सीएल लगा दे और फोन काट दिया।
इस बीच सफाई कर्मचारी का बीमार भाई की मौत हो गई। इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी अन्य सफाई कर्मचारियों को लगने पर आज सुबह महिला सफाई कर्मचारियों ने आक्रोशित होकर धर्मेन्द्र की उसके कार्यालय में जमकर धुनाई की। बाद में कुछ लोगों ने बीच-बचाव करके उसे छुड़ाया।
महिला कर्मचारी ने बताया कि धर्मेन्द्र उसे फोन कर लगातार परेशान कर रहा था। कई बार रात को भी फोन कर लगातार दोस्ती बनाने को दबाव डाल रहा था। मामला तूल पकड़ते देख भदवासिया स्थित निगम कार्यालय के मुख्य निरीक्षक मदन सिंह ने तुरंत इसकी रिपोर्ट अपने मुख्यालय भेजी। निगम कमिश्नर ने एक बार धर्मेन्द्र को तुरंत वार्ड से कार्यमुक्त कर दिया। साथ ही मामले की पूरी जांच कर कड़ा एक्शन लेने का आश्वासन दिया है।