जयपुर। कोरोनाकाल में बीते साल त्योहारों और अन्य समारोह पर बड़ा असर देखने को मिला था। हर साल धूमधाम से मनाया जाने वाला न्यू इयर सेलिब्रेशन भी इस बार नहीं हुआ। सरकार ने न्यू इयर की पूर्व संध्या पर तमाम होटल, रेस्टोरेंट, फार्म हाउस पर पार्टियां करने पर रोक लगा दी थी। लेकिन, बावजूद इन सबके 31 दिसंबर को शराब की बिक्री अच्छी-खासी हुई। पूरे राजस्थान में इस बार लगभग 70 करोड़ रुपए की शराब एक दिन में बिकी। हालांकि, ये पिछले साल (31 दिसंबर 2019) की तुलना में 30 फीसदी कम है।

लोग कुछ भी कहें पर चलन बताता है कि शराब और जश्न अब चोली-दामन हो चुके हैं। नववर्ष की पूर्व संध्या पर जश्न पर पूरी तरह रोक के बावजूद इतनी मात्रा में शराब बिकना हैरान करने वाला है। वो भी तब जब पूरे प्रदेश में तमाम शराब की दुकानें रात 8 बजे से पहले बंद हो गई हों। रेस्टोरेंट्स, बार, क्लब, फार्म हाउस सहित तमाम जगहों पर सामूहिक पार्टी पर रोक रही हो। ऐसे में आबकारी विभाग को भी उम्मीद नहीं थी कि इतनी मात्रा में शराब बिकेगी और राजस्व मिलेगा।

अंग्रेजी की रही डिमांड, कोरोना के कारण कम रास आई बीयर
आबकारी विभाग से जारी डेटा देखें तो इस बार लोगों ने बीयर की तुलना में अंग्रेजी शराब को पीना ज्यादा पसंद किया हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना को देखते हुए लोगों की दिलचस्पी बीयर की बजाय अंग्रेजी शराब में रही। साल 2019 में लगभग 30 करोड़ रुपए मूल्य की बीयर बिकी थी, जबकि इस बार ये आंकड़ा केवल 10 करोड़ रुपए से नीचे (9.90 करोड़) रह गया। इस कारण इस बार अंग्रेजी शराब की डिमांड ज्यादा रही।

नहीं आए इस बार पर्यटक
कोरोना काल और नाइट कर्फ्यू के कारण इस बार राजस्थान में देशी-विदेशी पर्यटक नहीं आए। वरना हजारों की संख्या में न्यू इयर का सेलिब्रेशन करने जयपुर, अजमेर, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, सवाई माधोपुर, अलवर और माउंट आबू लोग घूमने आते हैं। पर्यटकों के कारण होटल, रेस्टोरेंट्स और बार में शराब की बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में 31 के दिन बढ़ जाती है, लेकिन इस बार ये सब देखने को नहीं मिला।

पिछली बार हुई थी 1 अरब की बिक्री
साल 2019 की बात करें तो उस समय नववर्ष के स्वागत का जश्न मनाने में राजस्थान भी पीछे नहीं रहा। यहां 31 दिसंबर 2019 की रात तक पूरे प्रदेश में 1 अरब 4 करोड़ की शराब बिकी थी। उस समय आयोजन पर किसी तरह की पाबंदी नहीं थी, लोगों ने होटल, पब, फार्म हाउस, रिसोर्ट में जमकर जाम छलकाए थे। उस समय तो आबकारी विभाग ने होटल, रेस्टोरेंट और क्लबों में पार्टियां में शराब परोसने के लिए अस्थाई लाइसेंस भी जारी किए थे, जिससे भी विभाग को आय हुई थी।