कांग्रेस का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर बेनकाब-राठौड़

कांग्रेस का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर बेनकाब-राठौड़

जयपुर।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को फिर किसान विरोधी बताते हुए बिजली बिलों में मिल रही 833 रुपए प्रतिमाह की सब्सिडी को बंद करने पर जुबानी हमला बोला है। राठौड़ ने कहा कि केन्द्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों का विरोध करने वाली स्वयंभू किसान हितैषी गहलोत सरकार ने 13 लाख कृषि उपभोक्ताओं को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के रूप में बिजली बिलों में मिल रही सब्सिडी को बंद कर दिया है। जिससे कांग्रेस का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर बेनकाब हो गया है।

राठौड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय यह सब्सिडी शुरू की थी। राज्य सरकार ने सब्सिडी को पहले तो अघोषित रूप से बंद कर रखा था और अब परीक्षण के नाम पर रोक लगाना यह दर्शाता है कि सरकार की नीयत में खोट है। वैश्विक महामारी कोरोना काल में कांग्रेस सरकार किसानों को अधिकाधिक राहत पहुंचाने की बजाय उनका आर्थिक शोषण कर रही है। कृषि उपभोक्ताओं की बिजली बिलों में सब्सिडी बंद होने से अब किसानों पर बिल चुकाने के लिए ज्यादा बोझ बढे़गा व उनका जीवन अधिक कष्टदायी होगा।

कर्जमाफी ढकोसला साबित हुई

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने शासन में आते ही 10 दिनों के भीतर किसानों की कर्जमाफी का वादा ढकोसला साबित हुआ है और किसान स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। वहीं एक लाख नए कृषि कनेक्शन प्रतिवर्ष देने की घोषणा करने वाली कांग्रेस सरकार ने दो वर्षों में महज 26 हजार कनेक्शन ही जारी किए हैं जो किसान हितैषी बनने का ढोंग करने वाली राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान है।

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