देवेंद्र वाणी न्यूज़, बीकानेर
बीकानेर. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल बोहरा का बीकानेर से सदैव आत्मिक लगाव रहा। बीकानेर में परिवारजनों के रहने के कारण उनका समय-समय पर बीकानेर आना बना रहा। हालांकि राजनीति के जिस मुकाम पर वे थे व उनको जो पदीय दायित्व मिले हुए थे उसके कारण समय बहुत कम मिल पाता था, लेकिन उनके परिवारजनों के अनुसार शादी-विवाह के अवसर पर मोतीलाल बोहरा बीकानेर आना नहीं भूलते थे। बोहरा के नजदीकी रिश्तेदार भैंरु रतन बोहरा बताते है कि उनका सम्पूर्ण जीवन सादगीपूर्ण रहा।
मितभाषी होने के साथ-साथ हर किसी को अपना बना लेना उनके व्यक्तित्व का प्रमुख गुण रहा। कठोर मेहनत, लगन और कार्य के प्रति पूर्ण निष्ठा जीवनपर्यन्त रही। बोहरा के अनुसार मोतीलाल बोहरा बीकानेर में आने के बाद ठेठ बीकानेरी हो जाते। सभी से मेल मुलाकात, जान पहचान वालों के बारे में जानकारी लेना वे नहीं भूलते थे। दिल्ली में निवास के दौरान वे भी बीकानेर को नहीं भूलते थे। बीकानेर से किसी के दिल्ली पहुंचने पर बीकानेर से संबंधित जानकारी जरुर प्राप्त करते थे।
मोतीलाल बोहरा के नजदीकी रिश्तेदार शिव कुमार व्यास (छबीली घाटी) के अनुसार उनको बीकानेर के भुजिया, चासनी से बना बीकानेर का पेठा अधिक पसंद था। वे जब भी बीकानेर आते इनका स्वाद जरुर चखते। भोजन के बाद बीकानेर के पान का स्वाद भी चखना नहीं भूलते थे। छबीली घाटी में रहने वाले अपने भाई शंकर लाल व्यास के साथ उनकी लम्बी बाते चलती। शहर का हालचाल पूछते। सभी रिश्तेदारों से मिलते।
व्यास के अनुसार मोतीलाल बोहरा की एक बहन, दो भुआ आौर बेटी का ससुराल बीकानेर में ही है। इनके साथ कई नजदीकी रिश्तेदारों के निवास भी बीकानेर में है। व्यास के अनुसार करीब छह सात वर्ष पहले अपने दोहिते की शादी में बीकानेर आए थे। वहीं शहर में हुए कई शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रमों में शिरकत करने भी मोतीलाल बोहरा बीकानेर आ चुके है।