बीकानेर। आमतौर पर मांगों को लेकर लोग उग्र प्रदर्शन करते हैं, नारेबाजी करते हैं, जुलूस निकालते हैं लेकिन बीकानेर में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के सामने शुक्रवार को अलग ही दृश्य नजर आया। यहां बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों ने निदेशालय के मुख्यद्वार के आगे दंडवत लेटकर नारेबाजी की। एक बेरोजगार तो शीर्षासन करके ही काफी देर तक खड़ा रहा। यह बात अलग है कि बेरोजगारों के इस गांधीवादी तरीके से भी निदेशालय के अधिकारियों का दिल अब तक पसीजा नहीं है। दरअसल, वर्ष 2018 में शारीरिक शिक्षकों की भर्ती निकली थी, जिसमें कुछ पद रिक्त रह गए। इन रिक्त पदों के लिए बेरोजगार प्रतीक्षा सूची जारी करने का आग्रह बार बार कर रहे हैं। एक समय अवधि तक प्रतीक्षा सूची जारी नहीं होने पर पद खाली रह जायेंगे और पात्र बेरोजगार को नौकरी नहीं मिल सकेगी। उधर, शिक्षा विभाग का कहना है कि अदालत में मामला लंबित होने के कारण प्रतीक्षा सूची जारी नहीं की गई। बेरोजगारों का तर्क है कि अदालत में जो मामला लंबित है, उसके लिए पद सुरक्षित रखकर भी प्रतीक्षा सूची जारी हो सकती है, विभाग जानबूझकर लेटलतीफी कर रहा है। ऐसे में नई विज्ञप्ति जारी होगी तो पुराने रिक्त पद उसमें शामिल हो जायेंगे।
गांधीगिरी ज्यादा दिन नहीं
बेरोजगारों ने चेतावनी दी है कि विभाग अगर गांधीगिरी से किए जा रहे आंदोलन का महत्व नहीं समझेगा तो फिर उग्र प्रदर्शन भी किया जायेगा। शनिवार तक अगर प्रतिक्षा सूची जारी नहीं होगी तो रविवार से प्रदर्शन होगा।
सर्द रातों में सड़क पर सोते हैं
राजस्थान के लगभग सभी जिलों से बेरोजगार शारीरिक शिक्षक पिछले कई दिनों से निदेशालय के आगे तंबू तानकर बैठे हैं। तीन डिग्री सेल्सियस तापमान के बाद भी बेरोजगार धरना स्थल पर ही सोते हैं, वहीं खाना बनाकर रहते हैं। शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी को नियमित रूप से ज्ञापन दिया जा रहा है लेकिन प्रतीक्षा सूची के लिए तारीख पर तारीख दी जा रही है।