राजस्थान में वन विभाग ने वन एवं वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए समूचे राज्य में फरवरी 2021 तक ‘रेड अलर्ट’ की शनिवार को घोषणा की गई। राजस्थान की प्रधान मुख्य वन संरक्षक (होफ) श्रुति शर्मा द्वारा इस संबंध में जारी एक आदेश के अनुसार ‘रेड अलर्ट’ के दौरान सभी राष्ट्रीय उद्यान, टाईगर रिजर्व, वन्य जीव अभयारण्य व समस्त वन क्षेत्रों में शिकारियों की तलाश के लिए एक सघन अभियान चलाया जाएगा और आश्यकता होने पर स्थानीय प्रशासन का सहयोग लेकर शिकारियों-अपराधियों को पकडने की कार्यवाही की जायेगी।
आदेश में सभी वनाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि गश्ती दल द्वारा संरक्षित क्षेत्रों में तथा वन क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए निरन्तर गश्त करवाई जाए। यह आदेश रणथम्भौर बाघ परियोजना क्षेत्र के रेंज फलौदी में देवपुरा बांध के समीप लगे कैमरे में शुक्रवार को एक बाघ, टी 108, के गले में एक तार फंसा हुआ नजर आने पर जारी किया गया है।
आदेश में इस बात का जिक्र किया गया है कि इससे पूर्व भी रणथम्भौर बाघ परियोजना में शिकारियों द्वारा लगाये गए फन्दे से गाय, भैंस के फंसने-घायल होने की जानकारी मिली थी। हाल ही में माउंट आबू वन्य जीव अभयारण्य में एक सांभर के शिकार की घटना सामने के बाद पांच शिकारियों को गिरफ्तार किया गया था।
शुक्रवार को रणथम्भौर बाघ परियोजना क्षेत्र के रेंज फलौदी में बाघ के गले में तार फंसा दिखने के बाद वन विभाग ने शुक्रवार को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से उसे बेहोश करने की अनुमति मांगी थी। बाघ को शनिवार सुबह 11 बजे बेहोश किया गया और उसके गले से तार हटाने के बाद सुबह 11.45 बजे उसे जंगल में छोड़ दिया गया।