बीकानेर। राज्य सरकार आदेशानुसार धार्मिक स्थलों को 07 सितम्बर से कन्टेनमेंट जोन से बाहर स्थित धार्मिक स्थल खोले जा सकेंगे। इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट नमित मेहता ने सभी धार्मिक स्थलांे के पदाधिकारियों को निर्देशों की अक्षरशः पालना सुनिश्चित करने को कहा है।
आदेशानुसार केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों को खोले जाने के संबंध में जारी गाईललाईन/एसओपी की पूर्ण पालना करनी होगी। धार्मिक स्थलों के सभी प्रवेश और निकास बिंदओं और काॅमन स्थानों पर थर्मल स्केनिंग, हैंडवाश और सेनेटाईजर का समुचित प्रबंधन किया जावें। साबुन से कम से कम 40-60 सेकंड के लिए हाथ धोने का अथवा अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइजर (कम से कम 20 सेकंड के लिए) का उपय किया जावे।
प्रत्येक आगंतुकों के चेहरे पर मास्क पहना हुआ आवश्यक हो। जो व्यक्ति मास्क पहने हुए नहीं हो उसे प्रवेश नहीं दिया जावे।
सभी धार्मिक स्थलांे में आगंतुकों के प्रवेश/निकासी हेतु यथा संभव अलग-अलग व्यवस्था की जावें एवं सोशल डिस्टेंसिंग की पूर्ण पालना अर्थात् प्रत्येक व्यक्ति के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी हो। इस हेतु धार्मिक स्थलों अंदर एवं बाहर 6-6 फीट की दूरी पर पेंट से गोले/मार्किंग किए जाए।
धार्मिक स्थलांे में फूल माला, प्रसाद, अन्य पूजा सामग्री ले जाना, प्रसाद चढ़ाने/वितरण या पवित्र जल के छिड़काव एवं घंटी बजाने पर प्रतिबंध रहेगा। जहां तक संभव हो घंटी को कपड़े से ढक दिया जावे। बड़े धार्मिक स्थलों पर बार-बार छूने वाली वस्तुए अथवा मानव सम्पर्क में आने वाली सभी बिंदुओं जैसे फर्श, स्टील रैलिंग एवं दरवाजों के हैण्डल आदि की बार-बार सफाई/सैनेटाईजेषन की व्यवस्था सुनिश्चित की जावें।
यथा संभव सभी बड़े धार्मिक स्थलों पर सीसी टीवी कैमरे लगवाये जावे ताकि आरती इत्यादि के समय एलईडी टीवी के माध्यम से आगंतुक दर्शन लाभ ले सके तथा केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के लिए जारी गाईडलाईन/एसओपी की पालना की माॅनिटरिंग की जा सके। यथा संभव सभी बड़े धार्मिक स्थलों द्वारा आरती आदि (भीड़ होने की संभावना को मध्यनजर रखते हुए) को एलईडी के माध्यम से मंदिर के बाहर लाईव प्रसारण किया जावें।
आदेशानुसार सभी धर्मो के धार्मिक स्थलों पर कोरोना वायरस (कोविड-19) के संदर्भ में केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन/एसओपी का रिकार्ड कर उसे धर्म स्थलों पर लाउडस्पीकर के माध्यम से बजवाया जाकर श्रद्धालुओं/आगंतुको को जागरूक करेंगे। इसके साथ-साथ आरोग्य सेतु ऐप की स्थापना और उपयोग की सभी को सलाह दी जावें। भेद्य व्यक्तियों (65 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्ति, पुराने रोगों एव (रूगण्ता परिस्थितियों से पीड़ित व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं तथा 10 वर्ष से कम आयु के बालक) को जहां तक संभव हो घर से ही पूजा/अर्चना/इबादत की सलाह दी जावें। जूते/चप्पले आदि को अधिमानतः आगंतुक के स्वयं के वाहन के अंदर रखे जावे। यदि आवश्यक हो, तो उन्हें प्रत्येक व्यक्ति/परिवार के लिए अलग-अलग स्लॉट में व्यक्तियों द्वारा स्वयं रखा जाना चाहिए। धार्मिक स्थल के परिसर के बाहर और भीतर कोई भी दुकान, स्टॉल, कैफेटेरिया आदि हर समय सामाजिक दूरियों के मानदंडों का पालन करेंगे सभी आने वाले आगंतुक अपनी आसन/मैट स्वयं का ही उपयोग करें सार्वजनिक मैट/कालीन इत्यादि धर्म स्थलों पर न हो यह भी सुनिश्चित किया जावें। सभी धर्म के धर्म स्थलों में जहां तक संभव हो गर्भ गृह में पुजारी के अलावा अन्य कोई आगंतुक प्रवेश नहीं करें। मूर्तियों/पवित्र पुस्तकों आदि का स्पर्श न होने दिया जाए।
आदेशानुसारसभी धर्मो के बड़े धार्मिक स्थल पर भीड़ को नियंत्रित करने हेतु वहां की प्रबंधकीय समिति/संस्था/ट्रस्ट/मण्डल द्वारा भीड़ को नियंत्रित/सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हेतु अपने-अपने धर्म स्थल पर वालियंटर नियुक्त करेंगे। सभी धर्मो के धर्म स्थल के प्रबंधक/ट्रस्ट/संस्था/मंडल द्वारा विभिन्न धर्मो के विशेष दिवस (यथा बुधवार को गणेश मंदिर, शुक्रवार को जुम्मे की नमाज, रविवार को चर्च एवं गुरूद्वारें में) पर श्रद्धालुओं/आगंतुको की संख्या को नियंत्रण करने हेतु धर्म स्थलों के अंदर एवं बाहर अपने स्तर पर वालियंटर की विषेष व्यवस्था करेंगे।
आदेश में यह भी निर्देश दिए गए है कि धार्मिक स्थलों को खोले जाने का तात्पर्य धार्मिक आयोजनों या धार्मिक जुलूसों की अनुमति बिल्कुल नहीं है। धार्मिक आयोजनों/धार्मिक जुलूसों पर लगाये गये प्रतिबंध निरंतर जारी रहेंगे। आगंतुकों/कर्मचारियों/वालियंटर द्वारा छोड़े गए फेस कवर/मास्क/दस्ताने का उचित तरीके से डिस्पोजल करना सुनिश्चित किया जावें।
जिन धर्म स्थलों के अधीन भोजनशाला/धर्मशाला चलती है उनके द्वारा केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाईजरी की अक्षरशः पालना की जावें। धार्मिक किचन में सामुदायिक रसोई/लंगर/ऐन-दान आदि, भोजन तैयार करते और वितरित करते समय शारीरिक दूरी मानदंडों का पालन करे। धार्मिक स्थल के अंदर एक बार में 50 से अधिक आगंतुक नहीं रहे यह सुनिश्चित किया जावें। सभी आगंतुक आपस में 6 फीट की दूरी बनाये रखेंगे।
सभी धार्मिक स्थल रात्रि एवं साप्ताहिक हेतु जारी निषेधाज्ञा की अक्षरशः पालना करते हुए निर्धारित समयावधि तक ही खुले रखे जाएंगे।
कोरोना वायरस की रोकथाम के संबंध में समय-समय पर केन्द्र/राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा जो भी आदेश/निर्देश जारी किए जाएंगे उनकी पूर्ण पालना की जावेगी।
उक्त निर्देशों का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 एवं राजस्थान महामारी अध्यादेश, 2020 के प्रावधानों के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी एवं धार्मिक स्थलों को जनहित में तुरंत बंद कराया जाएगा।