जयपुर। कोरोना संकट से उबरने के लिए गहलोत सरकार निरन्तर प्रयास में लगी है और प्रदेश के हालातों को निरन्तर सुधारने के लिए आदेश भी जारी कर रही है। एक बार फिर प्रदेश में राजस्व की भरपाई को पूरा करने के लिए गहलोत सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी पर 10 प्रतिशत सरचार्ज बढ़ा दिया है। वित्त विभाग के कर डिविजन ने इसके आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकार के इस निर्णय से अब स्टाम्प पर कुल सरचार्ज 30 फ़ीसदी हो गया है।
मकानों की रजिस्ट्री कराना अब हुआ महंगा
राज्य सरकार के इस निर्णय से अब प्रदेश में मकानों की खरीद और बेचान महंगे हो जाएंगे। मकानों की रजिस्ट्री कराना अब महंगा हो गया है. स्टाम्प की वैल्यू 10 प्रतिशत बढ़ गई है। पहले ग्राहक को 100 रुपए के स्टाम्प की फेस वैल्यू पर 120 देने पड़ते थे। लेकिन अब 130 रुपए देने पड़ेंगे। पूर्व में 10 फीसदी सरचार्ज इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए लिया जाता था। उसके बाद उस पर 10 प्रतिशत सरचार्ज गौ संवर्धन के लिए लगाया गया था।
यहां-यहां काम आता है स्टाम्प
बिना स्टाम्प के मकान खरीद-बेच नहीं कर सकते, स्टाम्प के बिना मकान की रजिस्ट्री नहीं हो सकती। बैंक से लोन नहीं मिल सकता, शपथ पत्र के लिए भी स्टाम्प अनिवार्य है। पावर ऑफ अटॉर्नी के लिए स्टाम्प की जरूरत पड़ती है। इंस्ट्रूमेंट्स के ट्रांसफर करवाने, डीड ऑफ पार्टिशन, गिरवी रखी हुई संपत्ति का पुर्नभुगतान, मोर्टगेज डीड, बिक्री प्रमाण-पत्र, गिफ्ट डीड, एक्सचेंज डीड, किरायानामा, मुख्तारनामा, लाइसेंस एग्रीमेंट, लीज डीड तैयार करवाने के साथ अन्य कार्यों में स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना होता है। यह एक प्रकार का कर होता है जो कि निर्धारित दस्तावेजों पर लगाया जाता है।