नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की ओर से कार्रवाई को लेकर जारी किए गए आदेश कांग्रेस पार्टी के लिए किसी झटके से कम नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रवर्तित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और कांग्रेस पार्टी के नेता मोती लाल वोरा की 16.38 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है। ईडी ने कहा कि कुर्क की गई संपत्ति मुंबई के बांद्रा पूर्व में स्थित एक नौ मंजिला इमारत है। जिसमें दो बेसमेंट है। यह 15 हजार स्क्वायर मीटर में बनी हुई है। धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्रोविजनल अटैचमेंट आदेश एजेएल और मोती लाल वोरा के नाम जारी किया गया है। वोरा एजेएल के प्रबंध निदेशक हैं। एजेएल वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं द्वारा नियंत्रित की जाती है। इसमें गांधी परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। नेशनल हेराल्ड अखबार इस समूह को संचालित करता है। 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना की थी। तब से इसे कांग्रेस का मुखपत्र माना जाता है। पहले अखबार का मालिकाना हक एजेएल के पास था। हालांकि आजादी के बाद 1956 में एजेएल को अव्यवसायिक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया। साल 2008 में इसके सभी प्रकाशनों को निलंबित कर दिया गया और कंपनी पर 90 करोड़ रुपए का कर्ज हो गया। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व ने ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेडÓ नाम की एक नई अव्यवसायिक कंपनी बनाई। इसमें सोनिया और राहुल गांधी सहित मोती लाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया।