नई दिल्ली। कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार जारी है। देश और दुनिया में तेजी से कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। भारत में भी 2500 से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जबकि 68 लोगों की मौत हो चुकी है। मामले की गंभीरता को दखते हुए देश में अगामी 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है। इस वायरस और लॉकडाउन को लेकर सबके मन में एक ही सवाल हैं कि आखिर ये कब खत्म होंगे? लेकिन, जिस तरह से यह वायरस फैलता जा रहा है उसने सबकी मुश्किलें बढ़ा दी है। इसी बीच भारत में लॉकडाउन को एक संस्था के द्वारा बड़ा दावा किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में लॉकडाउन की अवधि सितंबर तक बढ़ सकती है। अमरिकन कंसल्टिंग फर्म बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने अपनी एक नई स्टडी में बताया है कि भारत में लागू किए गए लॉकडाउन को सितंबर के मध्य तक बढ़ाया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत जून के चौथे सप्ताह और सितंबर के दूसरे सप्ताह के बीच देशव्यापी लॉकडाउन को हटाना शुरू करेगा। अध्ययन में दावा किया गया है कि इस प्रतिबंध हटाने में देरी देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की तैयारी और सार्वजनिक नीति प्रभावशीलता के रिकॉर्ड के कारण उत्पन्न चुनौतियों का परिणाम हो सकती है। इतना रिपोर्ट में यह भी चिंता जताई गई है कि जून के तीसरे हफ्ते में कोरोना संक्रमितों की संख्या अचानक बढ़ सकती है। इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में भारत की वास्तविक स्थिति, यह पूरी तरह से लॉकडाउन है या नहीं, संभावित लॉकडाउन की शुरुआती तारीख, संबंधित देशों के लिए पीक डेट्स और लॉकडाउन के खत्म होने की तारीख भी बताई गई है। यह रिपोर्ट कोरोना वायरस महामारी पर रोकथाम के उपायों पर केंद्रित है। बताया जा रहा है कि यह रिपोर्ट 25 मार्च तक के अनुमानों पर तैयार की गई है, जो जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के डेटा का पूर्वानुमान लगाने वाली मॉडलिंग पर आधारित है। यहां आपको बता दें कि जिस तरह भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है और उसके मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में इसे रोकना सरकार और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है। कई रिपोर्टस में तो यह भी दावा किया गया है कि भारत में कोरोना का कहर मिड अप्रैल से शुरू होगा।