शिविर में 87 वर्षीय आसूराम की आस हुई पूरी
बीकानेर। प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत पांचू की ग्राम पंचायत सारुंडा में आयोजित शिविर में 87 वर्षीय आसूराम की आस पूरी हुई। शिविर में पहुँचे आसूराम ने बताया कि पुरानी जमाबंदी में उसके पिता का नाम बुधरराम लिखा था, जो सेटलमेंट के बाद मघाराम दर्ज हो गया। इसे दुरुस्त करवाने के लिए वे वर्षों भटकते रहे, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। गलत नाम की वजह से कोई भी बैंक उन्हें लोन नहीं दे रहा था, जिससे वह काफी परेशान थे। शिविर की जानकारी मिलने पर आसूराम समस्त कागज़ात के साथ उपस्थित हुए। जहां शिविर के दौरान ही सारुंडा के खाता संख्या 64, खसरा नंबर 2260, क्षेत्रफल 3.16 हेक्टेयर में शुद्धि पत्र पी-27 के जरिए रिकॉर्ड में आसूराम पुत्र मघाराम का सही नाम आसूराम पुत्र बुधरराम दर्ज कर दिया गया। वर्षों से लंबित समस्या का समाधान होने पर आसूराम के चेहरे पर खुशी छलक उठी। उसने सरकार का आभार जताया और अभियान की भरपूर प्रशंसा की।

पैंतीस वर्ष बाद आपसी सहमति से खाते का हुआ विभाजन
बीकानेर। बीकानेर की ग्राम पंचायत मौलानिया में प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत आयोजित शिविर सोहन सिंह के लिए वरदान साबित हुआ।
शिविर में उपस्थित होकर सोहन सिंह ने बताया कि वे खाता विभाजन के लिए वर्षों से परेशान थे, लेकिन सभी पक्षकारों को एक साथ शहर ले जाना संभव नहीं होने के कारण अब तक खाता विभाजन नहीं हो सका। जब उन्हें शिविर की जानकारी मिली तो सभी पक्षकार एक साथ उपस्थित हुए और खाता विभाजन के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। शिविर प्रभारी द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए उनकी 35 वर्षों से लंबित समस्या का समाधान कर दिया। खाता विभाजन का लाभ पाकर लाभार्थी सोहनसिंह और सभी सह-खातेदारों ने ग्रामीणों की वर्षों पुरानी समस्याओं के समाधान के लिए लगाए जा रहे इन शिविरों के लिए सरकार की तारीफ की।