जयनारायण बिस्सा
बीकानेर। स्कूलों के शैक्षणिक स्तर को सुधारने की कवायद के चलते शिक्षा विभाग ने प्रत्येक शिक्षा अधिकारी को अपने क्षेत्र के पांच-पांच स्कूल गोद लेकर बोर्ड परीक्षा परिणामों में सुधार और नामांकन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। गोद लिए गए विद्यालय को निजी स्कूलों की तर्ज पर विकसित करवाया जाएगा और हर सुविधा विकसित करनी होगी। विभाग ने ऐसी योजना इसलिए बनाई है कि पूर्व में प्रशासनिक अधिकारियों को भी विद्यालय गोद दिए गए थे जिसके बाद विद्यालयों में नामांकन बढ़ा था और परीक्षा परिणाम में भी सुधार हुआ था। जिले के जिला शिक्षा अधिकारी सहित एडीईओ, सीबीईओ, एसीबीईओ को पांच-पांच विद्यालय गोद लेने होंगे। हर जिले के अधिकारियों को स्कूल गोद लेकर इसकी समस्त सूचना 28 जनवरी तक निदेशालय माध्यमिक शिक्षा को देनी होगी। विभाग की ओर से समय-समय पर गोद लिए गए विद्यालयों का औचक निरीक्षण भी करवाया जाएगा।
प्रारंभिक स्कूलों में जल्द शुरू होगी योजना
शिक्षा विभाग ने पहले चरण में यह योजना माध्यमिक स्कूलों के लिए लागू की है। अगले चरण में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए यह योजना लागू की जाएगी। योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर भामाशाहों की अगुवाई में एक कमेटी का गठन भी होना है। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को हाईटेक बनाना है।
निजी स्कूलों की तर्ज पर क रेंगे विकसित
शिक्षा विभाग के इस व्यवस्था को शुरू करके प्रदेश के ज्यादातर विद्यालयों को निजी विद्यालयों की तर्ज पर विकसित करना है। जिससे कि सरकारी विद्यालयों का परीक्षा परिणाम बेहतर हो सके और नामांकन भी बढ़ाया जा सके। शिक्षा विभाग के इन अधिकारियों को विद्यालयों में जनसहयोग व भामाशाहों के सहयोग से विद्यालय में सुविधाएं विकसित करने, लंबी दूरी से आने वाले विद्यार्थियों के लिए वाहन, शैक्षिक व सह शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, स्कूलों में खेल प्रतियोगिताएं और अन्य गतिविधियों को बढ़ाने, कंप्यूटर व प्रायोगिक लैब, बोर्ड कक्षाओं की अतिरिक्त कक्षाएं लगाने का कार्य करवाना होगा। इन विद्यालयों में एसआईक्यूयूई को प्रभावी रु प से क्रियान्वित करने, विद्यार्थियों को गणित व अंग्रेजी विषय में पारंगत करने का जिम्मा भी सौंपा जाएगा।
5वीं व 8वीं कक्षा में फेल करने की फिर कवायद, नोटिफिकेशन जारी
5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षा में बच्चों को फेल करने की कवायद फिर से शुरू हो गई है। केंद्र सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। दरअसल, 5वीं और 8वीं कक्षा में फेल नहीं करने के निर्णय से बच्चों में पढ़ाई को लेकर रुचि कम होती जा रही है। इस रुचि को बरकरार रखने और अभिभावकों को भी बच्चों का इसके लिए सहयोग करने के लिए सरकार ऐसा करने जा रही है। अभी तक राजस्थान में 5वीं और 8वीं कक्षा बोर्ड परीक्षा हो रही है। इसमें से 5वीं कक्षा की परीक्षा डाइट और 8वीं कक्षा की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के माध्यम से करवाई जा रही है।