बीकानेर। दस साल पहले करीब दो करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ केंद्रीय रसोईघर 5 साल बाद फिर से शुरू होने जा रहा है। डाइट परिसर में केंद्रीय रसोईघर की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। चार फरवरी को ऊर्जा मंत्री डॉ.बीडी कल्ला, शिक्षा मंत्री गोविंदसिंह डोटासरा, उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी इसका उद्घाटन करेंगे। प्रथम फेज में शहरी क्षेत्र के 117 स्कूलों में छह फरवरी से केंद्रीय रसोईघर की ओर से पोषाहार उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके सप्ताह भर में रूट निर्धारित कर 20 किमी दायर में आने वाले शेष स्कूलों में पोषाहार वितरण शुरू करने की योजना है। दरअसल, डाइट परिसर में बने केंद्रीय रसोईघर को एक दिसंबर, 2013 में बंद कर दिया गया था। पिछले साल जुलाई में अक्षय पात्र फाउंडेशन से एमओयू हुआ था। एमओयू के मुताबिक फाउंडेशन की ओर से शहरी क्षेत्र के 20 किमी की परिधि में आने वाले 170 स्कूलों के करीब 20 हजार बच्चों को मिड-डे-मील योजना में पोषाहार उपलब्ध करवाया जाएगा। अब इन स्कूलों में पोषाहार नहीं पकाना पड़ेगा।
लेकिन, दूध का वितरण स्कूल स्तर पर ही
अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत कक्षा एक से आठवीं में पढऩे वाले बच्चों को पोषाहार में दूध भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इन स्कूलों में केंद्रीय रसोईघर से पोषाहार उपलब्ध करवाया जाएगा। वहां दूध का वितरण पूर्व की भांति स्कूली स्तर से ही होगा। इसके लिए 500 रुपए प्रतिमाह मानदेय की दर पर एक कुक कम हेल्पर रखा जाएगा, जो बच्चों को दूध गर्म करके बांटेगा।
नंदी फाउंडेशन की ओर से सप्लाई होता था पोषाहार
शहरी क्षेत्र में 20 किमी के दायरे में संचालित स्कूलों में एक दिसंबर, 2013 से पूर्व नंदी फाउंडेशन की ओर से पोषाहार सप्लाई करवाया जाता था। नंदी फाउंडेशन की ओर से सप्लाई बंद होने के बाद केंद्रीय रसोईघर पर ताला पड़ गया। वहीं, पोषाहार की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन कमेटी (एसएमसी) पर आ गई और स्कूलों में कुक कम हेल्पर की ओर से पोषाहार तैयार किया जाने लगा। पांच साल बाद अब वापस पोषाहार का वितरण इन स्कूलों में एनजीओ के जरिए होगा।