25 हजार स्वयं सहायता समूहों की 2.5 लाख महिलाओं के अटके 350 करोड़

सीकर/ एक साल पहले तक आंगनबाड़ी केंद्रों को पोषाहार सप्लाई करने वाली स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं अब मजदूरी कर कर्ज चुकाने को मजबूर है। राज्य सरकार ने सालभर से पोषाहार के करीब साढ़े तीन सौ करोड़ के बकाया भुगतान को अटका रखा है। मार्च 2020 तक सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार सप्लाई लेती थी। सरकार ने अप्रेल 2020 से महिला समूहों से पोषाहार लेना बंद कर दिया और इनकी जगह केंद्रो को रसद विभाग के जरिए सप्लाई शुरू कर दी। प्रदेश में सितंबर 2019 से मार्च 2020 तक के सात महीनों के पोषाहार का यह भुगतान बाकी चल रहा है। ज्यादातर जिलों में यह भुगतान एक साल से बकाया है।

ढाई लाख महिलाओं के अटके साढ़े तीन सौ करोड़
प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग के कुल 303 परियोजना कार्यालय है। जिनके अधीन करीब 62 हजार आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। इन केंद्रों पर 25 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पूरक पोषाहार सप्लाई किया जाता था। एक ग्रुप में 10 महिलाएं शामिल हैं। इस तरह प्रदेश की करीब 2.5 लाख महिलाएं पोषाहार वितरण के काम से जुड़ी थी। इन महिलाओं के विभाग पर लगभग 350 करोड़ रुपए की उधारी है।

किसी ने बैंक से लोन लिया तो कोई कर रही मजदूरी

केस एक : पोषाहार देने वाली हिमांशु स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि उन्होंने बाजार से उधार में सामान खरीद कर पोषाहार सप्लाई किया था। उधर सरकार पैसा रोककर बैठ गई।

केस दो : गायत्री स्वयं सहायता समूह नांगल की महिलाओं का कहना है कि उन्होंने अपनी बचत के पैसों से बाजार से माल खरीद कर पोषाहार सप्लाई किया था। लॉकडाउन के चलते उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है।

केस तीन : दीपा शर्मा सचिव सेवा स्वयं सहायता समूह कहना है कि उन्होंने ग्रुप बनाकर पोषाहार सप्लाई के लिए बैंकों से कर्जा लिया था। अब कर्ज चुकाने के लिए मजदूरी करनी पड़ रही है। सरकार उनका बकाया भुगतान करें तो उन्हें कर्ज से मुक्ति मिले।

हर स्तर पर गुहार के बाद भी भुगतान नहीं

बकाया भुगतान के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सीडीपीओ व उच्च अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुकी है। इसके साथ ही महिला बाल विकास मंत्री, सीएओ, संपर्क पोर्टल व संभागीय आयुक्त से बकाया बिल भुगतान की मांग कर चुकी है। इसके बाद भी विभाग की ओर से कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

…और यह बोले जिम्मेदार
विभाग को कई बार बताया, लेकिन पैसा नहीं मिला
नीमकाथाना में कुल 260 आंगनबाड़ी केंद्र है। इन केंद्रों पर पोषाहार सप्लाई करने वाले स्वय सहायता समूहों का 1 करोड़ 18 लाख रुपये का भुगतान बकाया है। इसके लिए विभाग से बार-बार बजट की मांग की गई है। बजट प्राप्त होते ही समूहों को भुगतान कर दिया जाएगा।

संजय चेतानी, सीडीपीओ नीमकाथाना

जिले के नौ ब्लॉक का भुगतान अटका
जिले के नौ ब्लॉकों में स्वयं सहायता समूहों का पोषाहार का भुगतान बकाया चल रहा है। प्रत्येक ब्लॉक का अनुमानित एक करोड़ के लगभग का भुगतान बाकी है। बजट आवंटित होते ही भुगतान कर दिया जाएगा।

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