जयपुर। जयपुर एयरपोर्ट पर फ्लाइट रद्द होना जैसे एयरलाइंस के लिए शर्मनाक बात नहीं रह गई है। नियमों में फ्लाइट रद्द होने पर एयरलाइन्स पर कठोर प्रावधान लागू होते हैं, लेकिन ये प्रावधान केवल कागजी साबित हो रहे हैं। इस बात को ऐसे समझा जा सकता है कि संचालन या तकनीकी कारणों से एयरलाइंस ने पिछले 3 माह में 12२ फ्लाइट्स को रद्द किया है।
इन दिनों एयरलाइंस एक दिन पहले या कई बार 3 से 4 घंटे पहले यात्रियों के मोबाइल पर एक मैसेज छोड़ती हैं कि संचालन कारणों के चलते आपकी फ्लाइट रद्द कर दी गई है। आप चाहें तो किराए की राशि रिफंड ले सकते हैं। जिन यात्रियों को जरूरी काम से यात्रा करनी होती है, उनके लिए यह मैसेज वज्रपात से कम नहीं होता। इस स्थिति में यात्री जब एयरलाइन प्रबंधन के ऑफिस फोन करते हैं तो कई बार तो फोन ही नहीं उठाया जाता।
ऑनलाइन ऑप्शन में केवल रिफंड या आगामी दिनों में किसी फ्लाइट में सीट उपलब्ध होने की स्थिति में यात्रा का विकल्प दिया जाता है, लेकिन यदि अर्जेंट बेसिस पर यात्रा करनी हो तो किसी दूसरी एयरलाइन की फ्लाइट में टिकट बुक करनी पड़ती है। ऐनवक्त पर यात्रा करने के दौरान यात्रियों से मनमर्जी का किराया लिया जाता है। यानी जिस दर पर यात्री ने टिकट बुक किया हुआ होता है, कई बार उससे 4 से 5 गुना अधिक किराया ऐनवक्त पर टिकट बुकिंग के लिए चुकाना पड़ता है। लम्बी दूरी की मुम्बई, बेंगलूरु, गुवाहाटी, चेन्नई आदि शहरों के लिए फ्लाइट्स का किराया अधिकतम 20 हजार रुपए तक जाता है।
कुल मिलाकर इस साल जनवरी से अब तक कुल 122 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं। इनमें यात्रा करने वाले करीब 25 हजार यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी है। यात्रियों ने फ्लाइट रद्द होने पर परेशानी होने, अधिक किराया वसूलने जैसी शिकायतें एयरपोर्ट प्रशासन और डीजीसीए को दर्ज करवाई हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में एयरलाइंस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। इसलिए जब अगली बार आप फ्लाइट बुक करने जा रहे हों तो फ्लाइट के संचालन और रद्द होने का पुराना रिकॉर्ड जरूर चैक कर लें।